शिक्षकों की तैनाती में संशोधन का मामला पहुंचा शासन तक

पदोन्नति के हफ्ते भर बाद परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों की तैनाती में संशोधन का मामला शासन तक पहुंच गया है। इस मामले की जांच डीएम द्वारा गठित कमेटी के साथ ही शासन द्वारा भी कराई जा रही
है।,गौरतलब है कि लगभग डेढ़ साल पहले परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों की पदोन्नति करने की शासन से मंजूरी मिली थी। इसकी प्रक्रिया तब से शुरू हुई, लेकिन दो बीएसए के तबादला होने के कारण मामला लटकता चला गया। पिछले बीएसए अजय कुमार सिंह ने एक बार काउंसिलिंग कराई, लेकिन उसे निरस्त कर दिया।
दुबारा काउंसिलिंग कराने के बाद नौ सितंबर को 714 शिक्षकों को पदोन्नति दी गई। हालांकि इसके पहले ही 5 सितंबर को बीएसए अजय कुमार सिंह का तबादला हो गया था, लेकिन वह तबादला रुकवाने को प्रयासरत रहे। तबादले के दौरान ही धन उगाही करके बीएसए अजय कुमार सिंह ने 137 शिक्षकों की तैनाती में संशोधन कर दिया।इसकी शिकायत डीएम के साथ शासन में की गई। डीएम डा.आदर्श सिंह ने फौरन डीडीओ आरके वर्मा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी। इसमें डीआइओएस ब्रजेश मिश्र, बीएसए बीएन सिंह सदस्य बनाए गए। इस समिति ने तैनाती और संशोधन की पत्रवली तलब करके मामले की जांच पड़ताल की। सूत्रों की माने तो जांच में तत्कालीन बीएसए अजय कुमार सिंह को दोषी पाया गया है। किसी भी तबादले के 15 दिन बाद ही उसमें संशोधन किया जा सकता है। लेकिन तत्कालीन बीएसए ने हफ्ते भर में ही तैनाती में संशोधन कर दिया था। इस बीच शासन ने भी इस मामले की जांच शुरू करा दी है। अपर निदेशक बेसिक रमेश कुमार तिवारी व उप निदेशक ज्ञान प्रकाश की दो सदस्यीय टीम गठित की है। इस टीम ने बीएसए कार्यालय पहुंच कर पत्रवली की जांच पड़ताल की। ऐसे में यह चर्चा है कि तैनाती आदेश के संशोधन में मनमानी बरतने के मामले में तत्कालीन बीएसए अजय कुमार सिंह पर गाज गिर सकती है।शिक्षकों की तैनाती के आदेश में संशोधन की जांच की जा रही है। दो तीन दिन में जांच रिपोर्ट डीएम को सौंप दी

sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines