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सत्ताधारी दल को शिक्षकों की चुनौती

सुलतानपुर : पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए बेसिक शिक्षकों ने आंदोलन की रणनीति तय करते हुए अंतिम दम तक संघर्ष का रुख अख्तियार किया है।
संगठन ने प्रदेश सरकार को घेरे में लेते हुए सत्ताधारी दल को चुनौती दी है कि यदि पुरानी पेंशन बहाल नहीं की गई तो आगामी विस चुनाव में सीटों की संख्या अंगुलियों पर गिनती गिनने लायक नजर आएगी।
ऑल इंडिया टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन (अटेवा) की बैठक मंगलवार को तिकोनिया पार्क में आयोजित की गई। जिसका संयोजक समाजवादी युवजन सभा के पूर्व जिलाध्यक्ष व मौजूदा शिक्षक नेता अशोक ¨सह गौरा, मो.हसीब ने किया। सभी ने एक स्वर से प्रदेश सरकार से मांग की कि पुरानी पेंशन योजना शिक्षकों एवं कर्मचारियों के हित में है। इसे बहाल किया जाना चाहिए। कर्मचारी संयुक्त परिषद के बृजेंद्र तिवारी, शिक्षक नेता राजेंद्र पांडेय, दिनेश उपाध्याय, शमीम अहमद, उपेंद्र ¨सह, केके ¨सह, मुकेश ¨सह, जयंत यादव, रणधीर ¨सह, शिक्षणेत्तर मृतक आश्रित कर्मचारी संघ के गौरव श्रीवास्तव, चित्रसेन राय, आइबी यादव ने भी हां में हां मिलाई। मनोज प्रभाकर ने सरकार पर तंज कसे। वकील अहमद, मनोज मौर्य, मुनेंद्र मिश्र, प्रमेंद्र विक्रम, सुशील ¨सह, सुरेंद्र मौर्य आदि ने 23 अक्टूबर के प्रस्तावित कैंडिल मार्च में लोगों की बड़ी संख्या में सहभागिता का आह्वान किया।
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