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फर्जी जाँच अधिकारी बनकर पहुंचा निलंबित शिक्षक, शिक्षक के खिलाप ग्रामीणों से करा रहा था हस्ताक्षर

फतेहाबाद: शिक्षा विभाग के बाबू को रंगे हाथ रिश्वत लेते पकड़वाने वाले शिक्षक की जांच को गुरुवार दोपहर फर्जी जांच अधिकारी पहुंच गए। ग्रामीणों को गुमराह कर पेपर पर हस्ताक्षर करा लिए। शक होने पर ग्रामीणों ने दबोचकर पुलिस को सौंप दिया। निलंबित शिक्षक को शांतिभंग में जेल भेज दिया।
फतेहाबाद के गांव गुबरौठ में गुरुवार सुबह 10 बजे दो व्यक्ति पहुंचे। उन्होंने बताया कि वे गांव के प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षक शैलेंद्र कुमार की जांच करने आए हैं। इसमें ग्रामीणों के बयान की जरूरत है। बहुत से ग्रामीणों ने पेपर पर अंगूठे लगा दिए। एक ग्रामीण ने कागज पढ़ लिया। इसमें सहायक अध्यापक शैलेंद्र कुमार के खिलाफ समय से स्कूल न आने और मनमानी करने जैसे आरोप लिखे थे। गुमराह कर पेपर पर हस्ताक्षर कराने को लेकर ग्रामीण आक्रोशित हो गए। उनका गुस्सा देख दोनों व्यक्ति बचकर प्राथमिक विद्यालय में पहुंच गए। दोनों रंगे हाथ रिश्वत लेते पकड़े गए बाबू भूप सिंह गुट के थे। स्कूल में इन्होंने अध्यापक शैलेंद्र कुमार को बाबू के खिलाफ केस वापस न लेने पर जान से मारने की धमकी दी। शैलेंद्र के शोर मचाने पर ग्रामीण पहुंच गये। ग्रामीणों ने शमसाबाद के झारपुरा निवासी बिहारी लाल को पकड़ लिया। वह इसौली में सहायक अध्यापक के रूप में तैनात था और निलंबित चल रहा है। उसने अपने साथी का नाम नौरंगी लाल सहायक अध्यापक प्राथमिक विद्यालय क्योरी बताया। पुलिस ने आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर शांति भंग की धारा में एसडीएम कोर्ट में पेश किया। यहां से जेल भेज दिया।

एसडीएम से अभद्रता में हुआ निलंबित
शमसाबाद ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय इसौली में तैनात सहायक अध्यापक बिहारी लाल ने पिछले दिनों एसडीएम वंदिता श्रीवास्तव से अभद्र व्यवहार किया था। अनुशासनहीनता और कार्य में शिथिलता बरतने पर निलंबित किया था।
शिक्षिका ने की थी चप्पलों से पिटाई
इसौली में पकड़ा निलंबित शिक्षक अपने ही स्कूल की शिक्षिका को परेशान कर रहा था। शिक्षिका ने ब्लॉक कार्यालय पर ही उसकी चप्पलों से पिटाई कर पुलिस को सौंप दिया। थाना पुलिस ने उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।

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