अमर उजाला, गोरखपुर। शासन स्तर से हुई हीलाहवाली के चलते जिले के करीब 10 हजार शिक्षकों का वेतन और नौ हजार शिक्षक व कर्मचारियों का पेेंशन फंस गया है।
इंटरमीडिएट और डिग्री कॉलेज के करीब पांच हजार शिक्षकों का वेतन और पेंशन तो सॉफ्टवेयर के चलते फंसा ही है, वहीं परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन के लिए सॉफ्टवेयर के साथ बजट भी नहीं मिला है। इसके साथ ही बिजली विभाग के तीन हजार कर्मचारियों का पेंशन भी रोक दिया गया है। विभागीय सूत्रों की मानें तो प्राथमिक शिक्षकों को फरवरी महीने का वेतन भी मिलना मुश्किल है क्योंकि इसके लिए 50 करोड़ का बजट चाहिए और शासन स्तर से मात्र 25 से 30 करोड़ ही देने की प्रक्रिया चल रही है।
नए वेतनमान के मुताबिक शिक्षकों के वेतन का निर्धारण करा लिया गया है। सॉफ्टवेयर के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। अगर दो से तीन दिनों में सॉफ्टवेयर नहीं आता है तो पुराने वेतनमान से ही रकम खाते में भेजी जाएगी। बाद में बढ़ा वेतन देने की प्रक्रिया शुरू होगी।
- एएन मौर्या, डीआईओएस
वेतन देने के लिए शासन से अभी तक ग्रांट नहीं मिला है। सातवें वेतनमान के हिसाब से 50 करोड़ रुपये की डिमांड की गई है। ग्रांट मंजूर होते ही वेतन जारी कर दिया जाएगा।
- आलोक राय, लेखाधिकारी, बीएसए दफ्तर
कल कलमबंद हड़ताल पर रहेंगे शिक्षक
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (चेत नरायन गुट) के प्रदेश अध्यक्ष चेत नरायन सिंह के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षकों ने सात फरवरी को कलमबंद हड़ताल पर रहने का निर्णय लिया है। जिला मीडिया प्रभारी रवींद्र प्रताप सिंह ने बताया कि अगर सातवें वेतन आयोग के मुताबिक शिक्षकों को वेतन और पेंशन नहीं दिया गया तो आंदोलन तेज किया जाएगा।
सूबे के पांच लाख बेसिक शिक्षक प्रभावित
सूबे के 1.58 लाख बेसिक स्कूलों में करीब पांच लाख शिक्षक पढ़ाते हैं। लेकिन सॉफ्टवेयर ही तैयार न होने से अधिकतर जिलों में वेतन नहीं बंट पाया है। ज्यादातर शिक्षकों ने मकान बनाने या अन्य किसी काम के लिए बैंकों से लोन भी ले रखा है। इस वजह से उन्हें हर महीने की 1-7 तारीख के बीच किस्त चुकानी होती है लेकिन वेतन न मिलने से उन्हें अब बैंकों की पेनाल्टी भी भरनी पड़ेगी। इस संबंध में निदेशक, बेसिक शिक्षा डीबी शर्मा ने कहा कि वेतन को लेकर शिक्षकों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। कुछ जिलों में बजट कम पड़ गया था। शासन से बजट की डिमांड की गई है, जिसके मिलते ही वेतन खातों में पहुंच जाएगा। सातवें वेतनमान के अनुसार वेतन फिक्स करने के लिए एनआईसी से सॉफ्टवेयर तैयार कराया जा रहा है।
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
- 22 फरवरी : अब तक दो बरिष्ठ सिनिअर टाप अधिवक्ताओ का संस्तुति प्राप्त : गाजी इमाम आला
- 22 फरवरी की तैयारी में जुटे भईया Mayank Tiwari ............
- 29 हजार शिक्षक भर्ती : लो और निकल आए 10 फर्जी शिक्षक , अब निकल चुके हैं 31 फर्जी शिक्षक
- निम्नलिखित अधिवक्ताओं को 22 फरवरी हेतु कर लिया गया है हायर : पूर्णेश शुक्ल(महाकाल)
- जितना बड़ा संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी : मयंक तिवारी
- 22 फ़रवरी की डेट हेतु बेस्ट वकीलों की टीम के साथ 72825 ओल्ड एड की पैरवी हेतु उतरेंगे : 72825 selected teachers
इंटरमीडिएट और डिग्री कॉलेज के करीब पांच हजार शिक्षकों का वेतन और पेंशन तो सॉफ्टवेयर के चलते फंसा ही है, वहीं परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन के लिए सॉफ्टवेयर के साथ बजट भी नहीं मिला है। इसके साथ ही बिजली विभाग के तीन हजार कर्मचारियों का पेंशन भी रोक दिया गया है। विभागीय सूत्रों की मानें तो प्राथमिक शिक्षकों को फरवरी महीने का वेतन भी मिलना मुश्किल है क्योंकि इसके लिए 50 करोड़ का बजट चाहिए और शासन स्तर से मात्र 25 से 30 करोड़ ही देने की प्रक्रिया चल रही है।
नए वेतनमान के मुताबिक शिक्षकों के वेतन का निर्धारण करा लिया गया है। सॉफ्टवेयर के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। अगर दो से तीन दिनों में सॉफ्टवेयर नहीं आता है तो पुराने वेतनमान से ही रकम खाते में भेजी जाएगी। बाद में बढ़ा वेतन देने की प्रक्रिया शुरू होगी।
- एएन मौर्या, डीआईओएस
वेतन देने के लिए शासन से अभी तक ग्रांट नहीं मिला है। सातवें वेतनमान के हिसाब से 50 करोड़ रुपये की डिमांड की गई है। ग्रांट मंजूर होते ही वेतन जारी कर दिया जाएगा।
- आलोक राय, लेखाधिकारी, बीएसए दफ्तर
कल कलमबंद हड़ताल पर रहेंगे शिक्षक
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (चेत नरायन गुट) के प्रदेश अध्यक्ष चेत नरायन सिंह के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षकों ने सात फरवरी को कलमबंद हड़ताल पर रहने का निर्णय लिया है। जिला मीडिया प्रभारी रवींद्र प्रताप सिंह ने बताया कि अगर सातवें वेतन आयोग के मुताबिक शिक्षकों को वेतन और पेंशन नहीं दिया गया तो आंदोलन तेज किया जाएगा।
सूबे के पांच लाख बेसिक शिक्षक प्रभावित
सूबे के 1.58 लाख बेसिक स्कूलों में करीब पांच लाख शिक्षक पढ़ाते हैं। लेकिन सॉफ्टवेयर ही तैयार न होने से अधिकतर जिलों में वेतन नहीं बंट पाया है। ज्यादातर शिक्षकों ने मकान बनाने या अन्य किसी काम के लिए बैंकों से लोन भी ले रखा है। इस वजह से उन्हें हर महीने की 1-7 तारीख के बीच किस्त चुकानी होती है लेकिन वेतन न मिलने से उन्हें अब बैंकों की पेनाल्टी भी भरनी पड़ेगी। इस संबंध में निदेशक, बेसिक शिक्षा डीबी शर्मा ने कहा कि वेतन को लेकर शिक्षकों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। कुछ जिलों में बजट कम पड़ गया था। शासन से बजट की डिमांड की गई है, जिसके मिलते ही वेतन खातों में पहुंच जाएगा। सातवें वेतनमान के अनुसार वेतन फिक्स करने के लिए एनआईसी से सॉफ्टवेयर तैयार कराया जा रहा है।
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