अंतर्जनपदीय ट्रांसफर- एक छलावा मात्र: आखिर किसका करेंगे अंतर्जनपदीय ट्रांसफर

3 साल तक वाले लगभग सभी शिक्षकों के हो गए हैं ट्रांसफर तो 5 साल वाले कहाँ बचे...?
शासन ने अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के लिए शासनादेश जारी कर दिया है जिसमे कहा गया है कि 5 साल की सेवा पूरी कर चुके शिक्षकों के ही ट्रांसफर होंगे।
जब अभी 7-8 महीने पहले ही 3 साल सेवा पूरी कर चुके लगभग सभी शिक्षकों के ट्रांसफर हो गए हैं तो 5 साल वाले कौन मिलेगा। जो बचे हैं उनमे से अधिकांश वही लोग हैं जो लखनऊ, गाजियाबाद, नोयडा जैसे महानगर में ट्रांसफर चाहते थे, इन जिलों में तो अब भी ट्रांसफर नहीं होंगे। समय सीमा 5 साल की जगह 3 साल ही होती तो उन शिक्षकों को तो फायदा मिल ही जाता जिनके पिछले साल 3 साल पूरे नहीं हुए थे।

शासन को कहने को हो जाएगा कि हमने अंतर्जनपदीय ट्रांसफर किया लेकिन हकीकत में ये लॉलीपॉप से ज्यादा कुछ नहीं है। अंतर्जनपदीय स्थानांतरण की नई नीति अध्यापकों के साथ सिर्फ छलावा मात्र है।

जिले के अंदर ट्रांसफर होते हैं तो ये सराहनीय कदम होगा।

शासन से निवेदन है कि अंतर्जनपदीय ट्रांसफर में 5 साल की जगह ज्यादा से ज्यादा 3 साल की सेवा शर्त रखें, जिससे उन शिक्षकों का तो भला हो जाये जो पिछली बार 4-5 महीने से रह गए थे।
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