टीईटी पास 22000 शिक्षामित्रों के बारे में राय लेने के लिए राज्य सरकार सुप्रीमेकोर्ट की शरण में जा सकती है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सुप्रीमेकोर्ट द्वारा 137000 समायोजित शिक्षकों का समायोजन रद्द कर दिये जाने के बाद राज्य सरकार अजीब पेशोपेश में है।
एकतरफ माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करने की जिम्मेदारी दूसरी तरफ प्रदेशभर में चल रहे शिक्षामित्रों का जबरदस्त आंदोलन का दबाव। अनेक प्रयासों के बाद भी अभी तक कोई सर्वमान्य रास्ता नहीं निकल सका है। विधि विशेषज्ञों के अनुसार माननीय सुप्रीमेकोर्ट ने अपने फैसले में कहीं भी वर्तमान में टेट पास समायोजित शिक्षकों की स्थिति स्पष्ट नहीं की है ऐसी स्थिति में राज्य सरकार के पास एक अच्छा विकल्प है की वह इस मुद्दे को लेकर माननीय सुप्रीमेकोर्ट की शरण में जाये और लगभग 22000 ऐसे समायोजित शिक्षकों की स्थिति स्पष्ट करने का अनुरोध करे। जानकारों के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय इसपर अवश्य सहानुभूतिपूर्वक विचार कर सकता है और यदि ऐसा हुआ तो शेष नॉन टेट शिक्षामित्रों के लिये भी भविष्य में मार्ग सुरक्षित हो जाएगा।
..............सचिवालय सूत्र
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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सुप्रीमेकोर्ट द्वारा 137000 समायोजित शिक्षकों का समायोजन रद्द कर दिये जाने के बाद राज्य सरकार अजीब पेशोपेश में है।
एकतरफ माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करने की जिम्मेदारी दूसरी तरफ प्रदेशभर में चल रहे शिक्षामित्रों का जबरदस्त आंदोलन का दबाव। अनेक प्रयासों के बाद भी अभी तक कोई सर्वमान्य रास्ता नहीं निकल सका है। विधि विशेषज्ञों के अनुसार माननीय सुप्रीमेकोर्ट ने अपने फैसले में कहीं भी वर्तमान में टेट पास समायोजित शिक्षकों की स्थिति स्पष्ट नहीं की है ऐसी स्थिति में राज्य सरकार के पास एक अच्छा विकल्प है की वह इस मुद्दे को लेकर माननीय सुप्रीमेकोर्ट की शरण में जाये और लगभग 22000 ऐसे समायोजित शिक्षकों की स्थिति स्पष्ट करने का अनुरोध करे। जानकारों के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय इसपर अवश्य सहानुभूतिपूर्वक विचार कर सकता है और यदि ऐसा हुआ तो शेष नॉन टेट शिक्षामित्रों के लिये भी भविष्य में मार्ग सुरक्षित हो जाएगा।
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