*कड़ुवा सच*:-
*मित्रों, जैसा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने पौने दो लाख पीड़ित शिक्षामित्रों को सड़क पर, एक सड़े गले कचरे भांति मरने के लिए फेक चुका है.. मन को सान्त्वना देने के लिए, सरकार की इच्छा पर अगली दो भर्ती में शामिल करने के लिए, टेट पास होने वालो सम्मिलित करने के लिए कहा है..
एवं सरकार चाहे तो, दो साल के लिए, पहले के पद पर रख सकती है*
मित्रों, इससे स्पष्ट है कि हम सभी लोग, पूर्ण रूप से राजनीति का शिकार हुए है... इस समय, लगभग 25000/- शिक्षामित्र टेट पास है.. और टीईटी -2017 की परीक्षा पास.. में लगभग 15000/- मान लीजिए और पास हो जाएगे..
अतएव माना कुल टीईटी पास शिक्षामित्रों की संख्या 40,000/- हो गई...
माना विज्ञापन दिसंबर में, आया 70,000/- का..
माना 40,000 शिक्षामित्र.. जनवरी -2018 में स. अ. बन गए...
अब नये वर्ष-2018 से 1 लाख 32 हजार शिक्षामित्रों की मनोदशा क्या होगी.. इसका अंदाजा लगा पाना नामुमकिन है! क्योंकि योगी सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में ही हर कदम उठा रही है.. कहीं से हमारे साथ.. निर्णायक फैसला लेकर.. हम सभी का भविष्य उज्जवल व सुरक्षित करने के लिए ठोस कदम नहीं बढ़ा रही है... न तो, स्वयं पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का मन बना रही है और न ही, आऱटीई एक्ट के पैरा - चार में संशोधन के लिए.. प्रस्ताव ही बना करके.. केन्द्र सरकार के पास ले जा रही है... केवल राजनीति करके.. हम सभी को मरने के लिए बाध्य कर रही है..
अब तो, हम सभी को, एक ही नारा दे करके मैदान में हिंसात्मकआंदोलन के कूद पड़ना चाहिए.. *करो या मरो*.. के साथ ..
हमारे सभी साथी टीईटी की तैयारी के लिए दिन रात एक कर दिये हैं.. लेकिन 10 फीसदी से अधिक शिक्षामित्रों का ,टीईटी पास करने का रिज़ल्ट नहीं आयेगा !
*अतएव आप सभी बौद्धिक वर्गो से आग्रह है कि.. आज से ही सभी को स्थायी रोजगार देने हेतु योगी सरकार से, संगठनात्मक योजना बनाना प्रारंभ कर दीजिए, नहीं तो, टेट पास न करने वालों को, दो साल बाद, बेरोजगार होने से शायद ईश्वर भी न बचा पाये*
उक्त के साथ
*प्रदीप पाल, नगर क्षेत्र, इलाहाबाद*....
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*मित्रों, जैसा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने पौने दो लाख पीड़ित शिक्षामित्रों को सड़क पर, एक सड़े गले कचरे भांति मरने के लिए फेक चुका है.. मन को सान्त्वना देने के लिए, सरकार की इच्छा पर अगली दो भर्ती में शामिल करने के लिए, टेट पास होने वालो सम्मिलित करने के लिए कहा है..
एवं सरकार चाहे तो, दो साल के लिए, पहले के पद पर रख सकती है*
मित्रों, इससे स्पष्ट है कि हम सभी लोग, पूर्ण रूप से राजनीति का शिकार हुए है... इस समय, लगभग 25000/- शिक्षामित्र टेट पास है.. और टीईटी -2017 की परीक्षा पास.. में लगभग 15000/- मान लीजिए और पास हो जाएगे..
अतएव माना कुल टीईटी पास शिक्षामित्रों की संख्या 40,000/- हो गई...
माना विज्ञापन दिसंबर में, आया 70,000/- का..
माना 40,000 शिक्षामित्र.. जनवरी -2018 में स. अ. बन गए...
अब नये वर्ष-2018 से 1 लाख 32 हजार शिक्षामित्रों की मनोदशा क्या होगी.. इसका अंदाजा लगा पाना नामुमकिन है! क्योंकि योगी सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में ही हर कदम उठा रही है.. कहीं से हमारे साथ.. निर्णायक फैसला लेकर.. हम सभी का भविष्य उज्जवल व सुरक्षित करने के लिए ठोस कदम नहीं बढ़ा रही है... न तो, स्वयं पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का मन बना रही है और न ही, आऱटीई एक्ट के पैरा - चार में संशोधन के लिए.. प्रस्ताव ही बना करके.. केन्द्र सरकार के पास ले जा रही है... केवल राजनीति करके.. हम सभी को मरने के लिए बाध्य कर रही है..
अब तो, हम सभी को, एक ही नारा दे करके मैदान में हिंसात्मकआंदोलन के कूद पड़ना चाहिए.. *करो या मरो*.. के साथ ..
हमारे सभी साथी टीईटी की तैयारी के लिए दिन रात एक कर दिये हैं.. लेकिन 10 फीसदी से अधिक शिक्षामित्रों का ,टीईटी पास करने का रिज़ल्ट नहीं आयेगा !
*अतएव आप सभी बौद्धिक वर्गो से आग्रह है कि.. आज से ही सभी को स्थायी रोजगार देने हेतु योगी सरकार से, संगठनात्मक योजना बनाना प्रारंभ कर दीजिए, नहीं तो, टेट पास न करने वालों को, दो साल बाद, बेरोजगार होने से शायद ईश्वर भी न बचा पाये*
उक्त के साथ
*प्रदीप पाल, नगर क्षेत्र, इलाहाबाद*....
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