शिक्षामित्र की जुबानी: 24 बर्ष का लौंडा हिमांशु राणा जिसने शिक्षामित्रों के बडे बडे नेताओ को यह दिखा दिया कि तुम्हारी औखात क्या है!

साथियो नमस्कार सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन के क्रम मे आगे बढ रही है! शायद आपको भी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठा दिया जाये तो आप भी यही करेगें!

क्योकि सरकार ने जरा भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के इतर निर्णय लिया 24 बर्ष का लौंडा हिमांशु राणा जिसने कसम खाई थी कि शिक्षामित्रों को बर्बाद कर देगें! और उसने शिक्षामित्रों के बडे बडे नेताओ को यह दिखा दिया कि तुम्हारी औखात क्या है! वह सरकार के खिलाफ कोर्ट के आर्डर की अवहेलना मे सरकार को कटघरे मे खडा कर देगा! साथियों सरकार न्यायालय के फैसले के पालन कराने की बात पर शुरू से ही अडिग है परंतु हमारी तरफ से गये प्रतिनिधिमण्डल ने सरकार के साथ उचित सामंजस्य के साथ मिलकर अपनी मांगे नही रखी जिसका परिणाम आज हमारे सामने है हर बार की वार्ता में हमारे नेता गिरगिट की तरह रंग बदलते थे और जो मांगे पूरी नही हो सकती थी, उन पर ध्यान केंद्रित करते थे। अगर कोर्ट के फैसले के आलोक मे अपनी बात रखते तो सरकार हमारा मानदेय सम्मान जनक कर सकती थी। लेकिन हमारे नेताओं ने कभी सम्मान जनक मानदेय की बात अपने प्रत्यावेदन मे नही लिखी! साथियों हमने तीन दिन पहले ही बता दिया था कि सरकार कोर्ट के आर्डर का पालन मूल पद पर दस हजार मानदेय पर भेजकर कराने जा रही है! तब आपलोगों ने भी जा भरकर हमे गालियां दी थी कि हम टेट पास है इसलिए गुमराह कर रहे मित्र हम गुमराह नही करते सच लिखते है! लेकिन वह सच आपको कडूवा लगता है! मेरे इसी सच को झूठ साबित करने के लिये बडे संगठनों ने अपनी पोस्ट मे कल लिखा था कि किसी भी अफवाह पर ध्यान ना दे हमारी मुलाकात आज बेसिक शिक्षा मंत्री जी से हुई है! तो बता देना चाहता हूँ कि शासन स्तर पर नीति निर्माण की पल पल की खबर रखता हूँ! अब भी समय है सच स्वीकार कर लो और कोर्ट के आर्डर के सापेक्ष मात्र टेट उत्तीर्ण या जो आगे उत्तीर्ण हो जायेगें वह पूर्ण शिक्षक बन जायेगे, इसलिए मात्र एक मांग सम्मान जनक मानदेय की मांग को लेकर आन्दोलन किसी ब्राह्मण, क्षत्रिय चेहरा जो बेदाग हो के नेतृत्व मे जनपद से लेकर लखनऊ, दिल्ली तक आन्दोलन थोडा जाये 100 प्रतिशत इस सरकार मे सफलता मिलेगी! बीजेपी सरकार किसी भी मुस्लिम, भ्रष्टाचारी, चेहरे को स्वीकार करके हीरो नही बनने देगा! अब कुछ लोग अफवाह फैला रहे है कि यह सरकार भारांक नही देगी तो उनको बता देना चाहते है! कि इतनी बडी ठोकर खाकर भी अगर बुद्धि घुटनों से ऊपर नही चढी है! कभी लोग हमे इन्टर पास अयोग्य कहते है! क्योकि हम डमरू बाजों की धुन पर जैसा बो नचाये नाचने लगते है! सुप्रीम कोर्ट ने अपने आर्डर मे मूल पद पर भेजने को कहा सरकार ने भेज दिया! और खुली भर्ती मे भारांक देकर सहायक अध्यापक बनाने के लिए भी सुप्रीम कोर्ट ने ही कहा है! उसके लिये भी प्रस्ताव पास होकर नियमावली संशोधन होने जा रहा है! एक सत्र मे 2.5 अधिकतम 25 अंक भारांक की जिम्मेदारी मेरी कभी हवा मे नही चला जितना कर दूंगा इसपर खरा उतरूंगा! इसलिए जिसके लिये क्षमता हो या जिसे अपने आप पर भरोसा हो कि हम अक्टूबर मे टेट उत्तीर्ण कर लेगे वह इस राहु, केतु जैसे नेतृत्व के चक्कर मे ना पडे तैयारी करे! कैबिनेट का फैसला है कोई पंचायत की चौपाल का नही जो बदल जायेगा! बाकी इन राम, रहीम बाबाओ की क्या औखात है जान ही ली होगी! क्या भरोसा आन्दोलन मे तालिया बजबाकर जब वार्ता के लिए अन्दर जाये चेहरे पर भ्रष्टाचार के दाग के कारण घुटने टेक दे! और बाहर आकर कह दे कि मांगे मान ली गई तीन दिन मे सरकार कमेठी बनाकर फैसला ले लेगी! फिर वह तीन दिन कब होगे बता नही, और *तुम आन्दोलन के कारण टेट की तैयारी भी ना कर पाओ ना रहो घर के ना घाट के* इसलिए मेरी इस कटू सत्य की पोस्ट को लेकर मनन करना अच्छी लगे तो स्वीकार करना, वरना दो गालियां दे देना! *गालियों से डर नही लगता है साहब नौकरी जाने से लगता* अंधभक्त पोस्ट से दूर रहे गलत कमेन्ट करने पर ब्लाक कर दूंगा! धन्यवाद
*आपका:- ह्रदयेश दुबे कन्नौज*
*मो. 9473819878*

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