शुभ संध्या मित्रों , आज दिनांक 22 नवंबर 2017 को इलाहाबाद highcourt की कोर्ट नम्बर 19 में न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने मेरे द्वारा दाखिल याचिका संख्या 55548/17 अभिषेक कुमार बनाम उत्तर प्रदेश सरकार एवं अन्य तदर्थ प्राथमिक मामले में 841 की मौलिक नियुक्ति चैलेंज हुई पूर्व में मेरे ही द्वारा स्पेशल अपील डिफेक्टिव 457/17 ऋषि श्रीवास्तव बनाम उत्तर प्रदेश सरकार जो कि डिवीज़न बेंच में पेंडिंग है।
आज न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने सभी respondent को नोटिस इशू की है। मेरे द्वारा पूर्व में स्पेशल अपील में सिर्फ ऐसे लोगों की नियुक्ति चैलेंज हुई थी जो कि 30/11/11 में आवेदन व सुप्रीम कोर्ट का क्राइटेरिया नही फॉलो करते हैं उनको चैलेंज किया गया है जबकि इस रिट में पूरी मौलिक नियुक्ति इस ग्राउंड पर चैलेंज है कि एडहॉक अपॉइंटमेंट को परमानेंट नही किया जा सकता है। राज्य सरकार ने बिना बेसिक शिक्षा नियमावली में provision बनाये एडहॉक को परमानेंट किया है। जो कि बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 को violate करता है। और सभी नियुक्तियां सर्विस रूल को फॉलो नही करती है। क्योंकि 72825 की सभी नियुक्तियां 27 जून 2014 एवं 30/11/11 के शाशनदेश के तहत हुई है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इन 841 के लिए एडहॉक अपॉइंटमेंट के लिए कहा था न कि इन्हें परमानेंट करने के लिए और सुप्रीम कोर्ट ने 7 दिसंबर के आदेश में इन एडहॉक अपॉइंटमेंट को सब्जेक्ट to the final डिसिजन कहा था। अब 841 के तदर्थ के नियोक्ताधारी कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने हमे प्रोटेक्ट किया है तो स्टेट जरा कोर्ट में यह बात बता दे की कैसे प्रोटेक्ट किया है। जब एक तरफ 90 और 105 से नीचे किसी भी अभ्यर्थी को अपॉइंटमेंट मिला नही तो एक तरफ क्राइटेरिया फिक्स है दूसरी तरफ 90 और 105 से नीचे नौकरी कैसे कर रहा है। एक तरफ तदर्थ को बिना provision के परमानेंट कर रहे हैं वो भी बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 में बिना संसोधन किये। जब एक तरफ जस्टिस बघेल साहब ने सभी writ को खारिज कर दिया 841 के खिलाफ जो हुई थी और दूसरी तरफ बहुत से judgment इन्ही जस्टिस सुनीत कुमार साहब ने भी खारिज की है जो 841 के विरोध में हुई थी लेकिन हमारी रिट याचिका पर सभी प्रतिवादियो को नोटिस इशू किया। कोर्ट यदि बिना मेरिट के जाएंगे तो मुह उठा के जाएंगे उसी टाइप का रिजल्ट मिलेगा। मैं अपने केस को जी जान लगाकर तैयार करवाता हूँ और कोई भी फैक्ट नही छोड़ता हूँ, मेरठ के ठग जिनका जन्म ही लोगों को बरगलाने के लिए हुआ था और लोगों को मूर्ख बनाकर खूब चंदा इकठ्ठा किया आज गरीब बेरोजगारो के पैसो से लंबी कार पर चल रहे हैं। मुझे और मेरे वकील साहब विनय श्रीवास्तव को बता रहे थे कि 841 अजर अमर हो गए हैं तो जरा आइये इस रिट में आप भी प्रतिवादी है और आपका नाम नोटिस इशू होने में सबसे ऊपर है। खैर यदि बिना सर्विस रूल के शिक्षा मित्रो का समायोजन निरस्त हो सकता है तो 841 लोगों का क्यों नही। बियॉन्ड सर्विस रूल के कोई भी नियुक्ति नही होती है। अगर आपकी नियुक्ति वैध है तो शिछा मित्रो का भी समायोजन वैध होना चाहिए अब ये मत कहिएगा की वो टेट पास नही थे आप टेट तो पास है लेकिन आपकी 841 की नियुक्ति और 72825 के रेगुलर appointment में ही कंट्राडिक्शन है वो कैसे है तो मेरी रिट याचिका की कॉपी आप तक पहुँच जायगी पढ़ लीजियेगा। अभी बहुत कुछ करना है और जल्द ही सम्पूर्ण मामला सुप्रीम कोर्ट की गोद मे फिर से होगा। मुझे सिर्फ 25 जुलाई के judgment खटकता है क्योंकि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने एक समझौता पूर्ण न्याय किया है जो कि मेरे गले से नही उतर रहा है। पूरा 841 का अपॉइंटमेंट बियॉन्ड बेसिक education सर्विस रूल है। सुप्रीम कोर्ट के ही कई judgment है कि एडहॉक अपॉइंटमेंट को permanent नही किया जा सकता है। ऐसी नियुक्तियां 2 मिनट भी कोर्ट में नही टिक पाती है जिनमे संविधान का अनुछेद 14 और अनुछेद 16 और व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का हनन करे। खैर समय आने पर माननीय सुप्रीम कोर्ट में समस्त बाते रखूंगा और मुकदमे कोमेरिट पर decide करने को कहूँगा। आज उन सभी 119 भाई बहनों को धन्यवाद देना चाहूंगा जिन्होंने मुझ पर विश्वास करके इस मुहिम में मेरा साथ दिया। स्क्रीशॉट में उन सभी के बारे में लिखा है जिन्हें कोर्ट ने आज नोटिस किया है। सभी मठाधीश है कोई शिछा मित्रों की सीट सभी को दिला रहे थे कोई अकादमिक टीम के नेता थे कोई बीएड 2012 के नेता है ते सभी नेतागण सम्पूर्ण समायोजन की लॉलीपॉप देकर अपना समायोजन करवा रहे थे और अपनी तिजोरी भर रहे थे। खैर समय बहुत बलवान होता है और सत्य कभी पराजित नही होता है।
आपका स्नेहिल
ऋषि श्रीवास्तव
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आज न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने सभी respondent को नोटिस इशू की है। मेरे द्वारा पूर्व में स्पेशल अपील में सिर्फ ऐसे लोगों की नियुक्ति चैलेंज हुई थी जो कि 30/11/11 में आवेदन व सुप्रीम कोर्ट का क्राइटेरिया नही फॉलो करते हैं उनको चैलेंज किया गया है जबकि इस रिट में पूरी मौलिक नियुक्ति इस ग्राउंड पर चैलेंज है कि एडहॉक अपॉइंटमेंट को परमानेंट नही किया जा सकता है। राज्य सरकार ने बिना बेसिक शिक्षा नियमावली में provision बनाये एडहॉक को परमानेंट किया है। जो कि बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 को violate करता है। और सभी नियुक्तियां सर्विस रूल को फॉलो नही करती है। क्योंकि 72825 की सभी नियुक्तियां 27 जून 2014 एवं 30/11/11 के शाशनदेश के तहत हुई है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इन 841 के लिए एडहॉक अपॉइंटमेंट के लिए कहा था न कि इन्हें परमानेंट करने के लिए और सुप्रीम कोर्ट ने 7 दिसंबर के आदेश में इन एडहॉक अपॉइंटमेंट को सब्जेक्ट to the final डिसिजन कहा था। अब 841 के तदर्थ के नियोक्ताधारी कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने हमे प्रोटेक्ट किया है तो स्टेट जरा कोर्ट में यह बात बता दे की कैसे प्रोटेक्ट किया है। जब एक तरफ 90 और 105 से नीचे किसी भी अभ्यर्थी को अपॉइंटमेंट मिला नही तो एक तरफ क्राइटेरिया फिक्स है दूसरी तरफ 90 और 105 से नीचे नौकरी कैसे कर रहा है। एक तरफ तदर्थ को बिना provision के परमानेंट कर रहे हैं वो भी बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 में बिना संसोधन किये। जब एक तरफ जस्टिस बघेल साहब ने सभी writ को खारिज कर दिया 841 के खिलाफ जो हुई थी और दूसरी तरफ बहुत से judgment इन्ही जस्टिस सुनीत कुमार साहब ने भी खारिज की है जो 841 के विरोध में हुई थी लेकिन हमारी रिट याचिका पर सभी प्रतिवादियो को नोटिस इशू किया। कोर्ट यदि बिना मेरिट के जाएंगे तो मुह उठा के जाएंगे उसी टाइप का रिजल्ट मिलेगा। मैं अपने केस को जी जान लगाकर तैयार करवाता हूँ और कोई भी फैक्ट नही छोड़ता हूँ, मेरठ के ठग जिनका जन्म ही लोगों को बरगलाने के लिए हुआ था और लोगों को मूर्ख बनाकर खूब चंदा इकठ्ठा किया आज गरीब बेरोजगारो के पैसो से लंबी कार पर चल रहे हैं। मुझे और मेरे वकील साहब विनय श्रीवास्तव को बता रहे थे कि 841 अजर अमर हो गए हैं तो जरा आइये इस रिट में आप भी प्रतिवादी है और आपका नाम नोटिस इशू होने में सबसे ऊपर है। खैर यदि बिना सर्विस रूल के शिक्षा मित्रो का समायोजन निरस्त हो सकता है तो 841 लोगों का क्यों नही। बियॉन्ड सर्विस रूल के कोई भी नियुक्ति नही होती है। अगर आपकी नियुक्ति वैध है तो शिछा मित्रो का भी समायोजन वैध होना चाहिए अब ये मत कहिएगा की वो टेट पास नही थे आप टेट तो पास है लेकिन आपकी 841 की नियुक्ति और 72825 के रेगुलर appointment में ही कंट्राडिक्शन है वो कैसे है तो मेरी रिट याचिका की कॉपी आप तक पहुँच जायगी पढ़ लीजियेगा। अभी बहुत कुछ करना है और जल्द ही सम्पूर्ण मामला सुप्रीम कोर्ट की गोद मे फिर से होगा। मुझे सिर्फ 25 जुलाई के judgment खटकता है क्योंकि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने एक समझौता पूर्ण न्याय किया है जो कि मेरे गले से नही उतर रहा है। पूरा 841 का अपॉइंटमेंट बियॉन्ड बेसिक education सर्विस रूल है। सुप्रीम कोर्ट के ही कई judgment है कि एडहॉक अपॉइंटमेंट को permanent नही किया जा सकता है। ऐसी नियुक्तियां 2 मिनट भी कोर्ट में नही टिक पाती है जिनमे संविधान का अनुछेद 14 और अनुछेद 16 और व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का हनन करे। खैर समय आने पर माननीय सुप्रीम कोर्ट में समस्त बाते रखूंगा और मुकदमे कोमेरिट पर decide करने को कहूँगा। आज उन सभी 119 भाई बहनों को धन्यवाद देना चाहूंगा जिन्होंने मुझ पर विश्वास करके इस मुहिम में मेरा साथ दिया। स्क्रीशॉट में उन सभी के बारे में लिखा है जिन्हें कोर्ट ने आज नोटिस किया है। सभी मठाधीश है कोई शिछा मित्रों की सीट सभी को दिला रहे थे कोई अकादमिक टीम के नेता थे कोई बीएड 2012 के नेता है ते सभी नेतागण सम्पूर्ण समायोजन की लॉलीपॉप देकर अपना समायोजन करवा रहे थे और अपनी तिजोरी भर रहे थे। खैर समय बहुत बलवान होता है और सत्य कभी पराजित नही होता है।
आपका स्नेहिल
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