UPTET Shiksha Mitra News -अजीबोगरीब समीक्षा NCTE GUIDELINES व सुप्रीम कोर्ट ऑर्डर की एक बी टी सी केंडिडेट के द्वारा - बता रहे हैं कि NCTE GUIDELINES राज्य पर बाध्यकारी नहीं हैं, वह केवल सजेस्टिव हैं।
अपने को english का बड़ा विद्वान बताते हैं,
अगर NCTE GUIDELINES बाध्यकारी नहीं होती तो राज्य को टी ई टी पास को नियुक्ति देनी जरूरी नहीं होती।
केंद्र सरकार ने संविधान में आर्टिकल 21A द्वारा RTE ACT पारित किया, और योग्यता के लिए NCTE को अधिकृत किया।
और इसीलिए NCTE द्वारा जारी गाइड लाइंस - मिनिमम क्वालिफिकेशन राज्यों पर बाध्यकारी है।
NCTE ने कुछ पार्ट डाउटफुल बनाकर राज्यों पर /नियोक्ता पर छोड़ दिए।
जैसे कि राज्य पर छोड़ दिया कि वह टेट वेटज अपने हिसाब से दे, और अंत मे सुप्रीमकोर्ट में इसका (NCTE द्वारा) एक्सप्लेनेशन ये हुआ कि वेटज देना बाध्यकारी नहीं।
मतलब राज्य वेटज देना चाहे तो दे ना देना चाहे तो न दे।
और इसीलिए 12वं संसोधन भी रद्दे नहीं हुआ, 15वं , 16वं बहाल हुआ, क्योंकि तत्कालीन सरकारों द्वारा इस नियम का उनके हिसाब से प्रयोग किया गया था।
जो पार्ट डाउट फुल नहीं है, वे सब बाध्यकारी हैं, जिन राज्यों ने RTE ACT को अपना लिया है
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अपने को english का बड़ा विद्वान बताते हैं,
अगर NCTE GUIDELINES बाध्यकारी नहीं होती तो राज्य को टी ई टी पास को नियुक्ति देनी जरूरी नहीं होती।
केंद्र सरकार ने संविधान में आर्टिकल 21A द्वारा RTE ACT पारित किया, और योग्यता के लिए NCTE को अधिकृत किया।
और इसीलिए NCTE द्वारा जारी गाइड लाइंस - मिनिमम क्वालिफिकेशन राज्यों पर बाध्यकारी है।
NCTE ने कुछ पार्ट डाउटफुल बनाकर राज्यों पर /नियोक्ता पर छोड़ दिए।
जैसे कि राज्य पर छोड़ दिया कि वह टेट वेटज अपने हिसाब से दे, और अंत मे सुप्रीमकोर्ट में इसका (NCTE द्वारा) एक्सप्लेनेशन ये हुआ कि वेटज देना बाध्यकारी नहीं।
मतलब राज्य वेटज देना चाहे तो दे ना देना चाहे तो न दे।
और इसीलिए 12वं संसोधन भी रद्दे नहीं हुआ, 15वं , 16वं बहाल हुआ, क्योंकि तत्कालीन सरकारों द्वारा इस नियम का उनके हिसाब से प्रयोग किया गया था।
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