Breaking : 1 लाख 37 हजार शिक्षा मित्रों को मिल सकती है राहत, सुप्रीम कोर्ट से आई ये बड़ी खबर

उन्नाव. देश व प्रदेश सरकार से निराश हो चुके शिक्षा मित्र से समायोजित किए गए शिक्षक को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी आशा है। जहां रिव्यू याचिका डाली गई है। लगभग 137000 समायोजित शिक्षक आज अपना भविष्य अंधेरे में देख रहा है।
जहां उसके सामने अब आगे कुछ करने का विकल्प नही बचा है और ना ही वह अपने पुराने समय वापस आ सकता है। तमाम शिक्षा मित्रों ने कुछ कड़े कदम भी उठा लिए हैं।

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ जिला अध्यक्ष सुधाकर तिवारी ने उक्त विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि बताया कि 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट के द्वारा समायोजन को रद्द किया गया था। इसके बाद समूचे उत्तर प्रदेश का शिक्षामित्र जिले से लेकर के प्रदेश दिल्ली तक धरना प्रदर्शन किया। लेकिन प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ व केंद्र सरकार के मुखिया ने शिक्षामित्रों के लिए कोई सार्थक कदम नहीं उठाया। जिससे शिक्षामित्र आहत हैै।

2 सैकड़ा से ज्यादा शिक्षामित्र मौत की नींद में सो चुके

लगभग ढाई सौ शिक्षामित्र आकाल मौत की गोद में सो गए। लेकिन प्रदेश व देश के मुखिया ने किसी भी प्रकार का शोक व्यक्त करना उचित नहीं समझा। जबकि केंद्र व प्रदेश सरकार की चुनाव के पूर्व संकल्प पत्र में शिक्षा मित्रों को न्यायोचित तरीके से उनका मान सम्मान व शिक्षक के पद पर बनाए रखने का वादा किया गया था। जो पूरे तरीके से गलत निकला। उन्होंने कहा कि पिछले 3 सालों से शिक्षामित्रों से समायोजित हुए शिक्षा मित्रों को शिक्षक के पद पर लगभग ₹40000 मिल रहे थे। लेकिन पुनः शिक्षामित्र के पद पर आने पर ₹10000 मिलने लगे। जो आज की महंगाई को देखते हुए घर परिवार चलाना मुश्किल है और यह धनराशि एक मजदूर के दैनिक वेतन से भी कम है।
अभी तो भविष्य अंधकार में
आज शिक्षामित्र अपना भविष्य अंधकार की ओर देख रहा है। लेकिन संगठन के द्वारा माननीय सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू याचिका डाली गई है और उस याचिका पर मजबूती से अपना पक्ष रखना है। जिला अध्यक्ष ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पर शिक्षामित्रों का पूरा भरोसा है। देश का उच्चतम न्यायालय से न्याय मिलना तय है। क्योंकि शिक्षा मित्रों ने समाज के नौनिहालों को अपने जीवन के 17 साल दिए हैं। जो अब वापस लौट के नहीं आ सकते। उन कार्यों का परिणाम मिलना चाहिए। जो केवल माननीय सुप्रीम कोर्ट के द्वारा ही मिल सकता है और मिलकर रहेगा। यह सभी शिक्षामित्रों का मानना है।


आज की तारीख में शिक्षामित्रों का सोशल मीडिया ग्रुप केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाल रहा है। आगामी लोकसभा चुनाव के पूर्व शिक्षामित्रों का सोशल मीडिया ग्रुप क्या गुल खिलाता है यह तो भविष्य के गर्त में है। परंतु सोशल मीडिया के WhatsApp ग्रुप से निकलने वाले संदेश या स्पष्ट बताते हैं कि शिक्षामित्रों के हाथ अब भाजपा के लिए नहीं खड़े होंगे।
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