प्रदेश के शिक्षा विभाग में 12 लाख युवाओं को है भर्ती का इंतजार , दो बड़े भर्ती आयोगों का गठन न होने से हजारों पदों पर अटका चयन

 शासन ने उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में अध्यक्ष और चार सदस्यों तथा माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में अध्यक्ष और दस सदस्यों के लिए आवेदन लिए हैं। चयन प्रक्रिया चल रही है।
दोनों संस्थानों के अध्यक्ष और सदस्य की कुर्सी पर कई सेवानिवृत्त आईएएस,
आईपीएस और शिक्षा विभाग के अफसर निगाह लगाए हुए हैं। कुछ सेवानिवृत्त अफसरों ने दोनों संस्थानों के अध्यक्ष पद के लिए आवेदन किया है। अध्यक्ष और सदस्य बनने के लिए यह अफसर भाजपा नेताओं की गणोश परिक्रमा में लगे हुए हैं।
इलाहाबाद प्रमुख संवाददाताउच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का गठन न होने के कारण भर्ती प्रक्रिया ठप है। दोनों भर्ती संस्थाओं से पूर्व में विज्ञापित पदों के लिए आवेदन करने वाले लगभग 12 लाख बेरोजगारों को भर्ती प्रक्रिया शुरू होने का इंतजार है। इन दोनों संस्थाओं के दस हजार से अधिक पदों पर चयन अटका हुआ है।सबसे ज्यादा आवेदक माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के हैं। बोर्ड की टीजीटी-पीजीटी 2016 भर्ती के 9294 पदों के लिए 10.71 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। पिछले साल अक्तूबर में परीक्षा कराने की घोषणा करते हुए परीक्षा तिथि भी तय कर दी गई थी। लेकिन उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का विलय कर नया आयोग गठित करने की बात कहते हुए परीक्षा टाल दी गई थी। बोर्ड को सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में 794 प्रधानाचार्यों के साथ ही पीजीटी के 260 और टीजीटी के 1180 पद रिक्त होने की सूचना मिली है। बोर्ड गठित न होने के कारण इन पदों के लिए विज्ञापन भी नहीं हो पा रहा है। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने विज्ञापन संख्या 47 के तहत सूबे के सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में रिक्त 35 विषयों के असिस्टेंट प्रोफेसर के 1150 पदों के लिए जुलाई 2016 में ऑनलाइन आवेदन लिए थे। प्रदेशभर से लगभग 50 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किये हैं। पहले आयोग में सदस्यों का कोरम पूरा न होने और फिर विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के कारण परीक्षा टली। चुनाव बाद परीक्षा होने की उम्मीद जगी थी लेकिन नए आयोग के गठन के चक्कर में परीक्षा में पेंच फंस गया। विज्ञापन संख्या 46 के तहत विज्ञापित असिस्टेंट प्रोफेसर के 45 में से दस से अधिक विषयों के लिए लिखित परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों का साक्षात्कार अटका है तो सूबे के सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में प्राचार्यों के रिक्त 284 पदों के लिए पिछले साल आवेदन करने वाले लगभग पांच हजार आवेदकों को भी आयोग के गठन का इंतजार है।


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