फैसला: सिर्फ 68500 शिक्षक भर्ती के लिए मान्य होगी परीक्षा

सरकारी प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए होने जा रही लिखित परीक्षा सिर्फ इसी भर्ती के लिए मान्य होगी। इस परीक्षा का प्रमाणपत्र भर्ती पूरी होने के बाद रद्दी का टुकड़ा बनकर रह जाएगा। मतलब अगली बार शिक्षक भर्ती होने पर अभ्यर्थियों को फिर से लिखित परीक्षा देनी होगी।
हालांकि शासन ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि परीक्षा कितने समय बाद दोबारा होगी। परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से जो प्रस्ताव भेजा गया था उसमें लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित होने की तिथि से पांच साल तक इसका प्रमाणपत्र सभी श्रेणियों के लिए वैध मान्य करने के लिए कहा गया था। लेकिन 9 जनवरी को अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह की ओर से जारी शासनादेश में परीक्षा को सिर्फ 68500 शिक्षक भर्ती के लिए मान्य किया गया है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से भेजे गए प्रस्ताव में यह परीक्षा साल में कम से कम एक बार आयोजित करने की बात थी। लेकिन शासनादेश में इसका जिक्र नहीं है।
विवाद की जड़ बनेंगे अति लघु उत्तरीय प्रश्न-
जानकारों की मानें तो 68500 शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में अति लघु उत्तरीय प्रश्न विवाद का कारण बनेंगे। दरअसल परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की ओर से 2013 में आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में उर्दू विषय में निबंध लेखन रखा गया था। निबंध में मिले नंबरों को लेकर हाईकोर्ट में दर्जनों याचिकाएं हुई थी जिसके बाद से इसे समाप्त कर दिया गया था।

एक साल तक ले सकेंगे स्कैन कॉपी
शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में सम्मिलित अभ्यर्थी अपनी उत्तरपुस्तिका की स्कैन कॉपी परीक्षाफल घोषित होने की तिथि एक साल के अंदर दो हजार रुपये डिमांड देकर प्राप्त कर सकते हैं। परीक्षाफल घोषित होने की तिथि से एक महीने के अंदर अभ्यर्थी अपने प्रवेश पत्र की मूल प्रति और फोटो पहचान पत्र दिखाकर पात्रता प्रमाणपत्र मंडल मुख्यालय के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) से प्राप्त कर सकेंगे।
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