बिना एंट्रेंस पीएचडी कर सकेंगे शिक्षक

जागरण संवाददाता, बरेली : रुहेलखंड विश्वविद्यालय कैंपस, एडेड या फिर राजकीय कॉलेजों के अस्थाई शिक्षकों को अब पीएचडी में सीधे दाखिला मिलेगा। यानी पीएचडी करने के लिए उन्हें बाकी छात्रों की तरह प्रवेश परीक्षा की प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा।
शर्त ये है कि पीएचडी के आवेदक शिक्षक किसी कॉलेज में न्यूनतम दो सालों से पढ़ा रहे हों। शिक्षक संघ शिक्षक और कैंपस से पीएचडी के आवेदक शिक्षकों की मांग पर विवि ने एंट्रेंस से छूट का आश्वासन दिया है।
दरअसल, पिछले दिनों विवि ने अस्थाई शिक्षकों को पीएचडी में सीधे प्रवेश देने की व्यवस्था बंद करने की मंशा जताई थी। शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. विजय बहादुर सिंह यादव का कहना है कि शिक्षकों को एंट्रेंस से छूट देने की व्यवस्था राजभवन से जारी अध्यादेश में है। कैंपस के फार्मेसी और एमसीए विभाग के करीब आठ-नौ शिक्षकों ने पीएचडी के लिए भी आवेदन कर रखा है। एंट्रेंस से मोहलत की व्यवस्था खत्म होने की आशंका पर ही शिक्षक लगातार विवि के समक्ष इसे कायम रखने की मांग रख रहे थे। बहरहाल, अब विवि ने शिक्षकों की ये मांग मान ली है। इससे कई शिक्षकों के पीएचडी करने का रास्ता साफ हो गया है। राजभवन से पीएचडी का संशोधित अध्यादेश जारी होने के बाद विवि 25 फरवरी को पीएचडी का एंट्रेंस कराने जा रहा है। इसमें करीब 5300 अभ्यर्थी शामिल होंगे।
वर्जन
-पीएचडी के इच्छुक शिक्षक दो साल से किसी कॉलेज में पढ़ा रहे हों, उन्हें कोई नोटिस न मिला हो। इसके अलावा अन्य शर्ते हैं, उन पर खरा उतरने वाले शिक्षकों को एंट्रेंस से छूट मिलेगी।

प्रो. अनिल शुक्ल, कुलपति रुविवि
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