अध्यापक पर समायोजित हुए शिक्षामित्रों को अगले चार साल में पद की योग्यता हासिल करने का मौका मिल सकता है।
शिक्षामित्रों के अधिवक्ता केएस कुशवाहा का कहना है कि संशोधित कानून संसद से पास हो चुका है। वर्ष 2017 में लागू कानून के मुताबिक 31 मार्च, 2015 को कार्यरत प्राइमरी स्कूलों सहायक अध्यापक अगले चार साल में पद की योग्यता हासिल कर सकेंगे। सपा शासन में सहायक अध्यापक बनाए गए शिक्षामित्रों को इस संशोधित कानून का लाभ मिलेगा। यह कानून संसद से पारित होने के नाते सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रभावी होगा। अगले चार साल में शिक्षामित्र टीईटी व अन्य योग्यताएं हासिल कर सकेंगे। वर्ष 2021 तक योग्यता हासिल न कर पाने वाले सेवा से बाहर हो जाएंगे। केंद्र सरकार के इस कदम से शिक्षामित्रों को पद पर बने रहने का अवसर मिल सकता है। फिलहाल न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा से स्थिति स्पष्ट करते हुए दो फरवरी तक हलफनामा मांगा है।
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