Advertisement

अप्रशिक्षित अध्यापकों को प्रशिक्षण दिलाने की याचिका खारिज, 31 मार्च, 2019 तक जो अप्रशिक्षित होंगे उन्हें एक अप्रैल को हटा दिया जाएगा

इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अप्रशिक्षित अध्यापकों को प्रशिक्षण देने की मांग में दाखिल याचिका खारिज कर दी है। जनहित याचिका उप्र बेसिक शिक्षक संघ ने दाखिल की थी।
कोर्ट ने कहा कि यदि कोई अध्यापक
छूट गया है तो वह कोर्ट आ सकता है। एनआइओएस की ओर से एक लाख 72 हजार से अधिक अध्यापकों को प्रशिक्षण के लिए पंजीकृत किया गया है। ऐसे में कोर्ट ने याचिका पर हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया।

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डीबी भोंसले तथा न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खंडपीठ ने दिया है। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता एचएन सिंह, राज्य सरकार के अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता रामानंद पांडेय और भारत सरकार के अधिवक्ता राजेश त्रिपाठी ने पक्ष रखा। याची का कहना है कि केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन राज्य सरकार ने नहीं किया है। राज्य सरकार ने सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को प्रशिक्षण देने की सूचना नहीं दी जिससे हजारों अध्यापक एनआइओएस में पंजीकरण कराने से वंचित रह गए हैं। सरकार का कहना था कि एक लाख 82 हजार में से एक लाख 72 हजार से अधिक अध्यापकों ने प्रशिक्षण के लिए पंजीकरण करा लिया है। नौ हजार अध्यापकों ने पंजीकरण नहीं कराया है। दूरस्थ शिक्षा योजना के तहत अध्यापकों को 18 माह में प्रशिक्षण दिया जाना है। अब पंजीकरण कराने का समय नहीं बचा है। केंद्र सरकार ने कहा कि 31 मार्च, 2019 तक जो अध्यापक प्रशिक्षित नहीं होंगे उन्हें एक अप्रैल को हटा दिया जाएगा।

sponsored links:

UPTET news