इलाहाबाद : उप्र लोकसेवा आयोग में गुरुवार को भर्तियों की जांच
कार्यवाही के दौरान सीबीआइ को विरोध का सामना करना पड़ा। प्रतियोगियों ने
दावा किया है कि परीक्षा समिति ने आपात बैठक बुलाकर प्रस्ताव तैयार किया
कि जांच टीम को कोई दस्तावेज नहीं सौंपे जाएंगे।
1इसी
प्रस्ताव की आड़ में गोपन विभाग के कर्मचारियों ने जांच कार्यवाही पर एतराज
जताया, जिस पर सीबीआइ अफसरों ने कर्मचारियों से कंप्यूटर आदि कब्जे में ले
लिए। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति ने दावा किया है कि सीबीआइ जांच शुरू
होने पर आयोग की परीक्षा समिति ने बुधवार देर रात आपात बैठक बुलाकर अहम
निर्णय लिया कि सीबीआइ को वर्तमान समिति कोई दस्तावेज नहीं सौंपेगी। साथ ही
कंप्यूटर व हार्ड डिस्क नहीं सौंपे जाएंगे। समिति ने इस प्रस्ताव को तैयार
करते समय हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट से हुए निर्देश का ध्यान भी रखा है।
गुरुवार को इसी प्रस्ताव के तहत सीबीआइ टीम की कार्यवाही में व्यवधान डालने
की कोशिश हुई। परीक्षा भवन में कंप्यूटरों की जांच करने पहुंचे सीबीआइ
अफसरों का वहां काम कर रहे कर्मचारियों ने विरोध किया। कहा कि उन्हें
कंप्यूटर किसी को छूने देने का आदेश नहीं मिला है। इस पर सीबीआइ अफसरों ने
कुछ कड़ाई की। बात बढ़ने की जानकारी पाते ही परीक्षा समिति से जुड़े एक अहम
व्यक्ति आ गए। उस समय सीबीआइ ने उनको भी किनारे कर दिया और कार्रवाई करते
हुए कंप्यूटर जब्त कर लिए। गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया है
कि सीबीआइ आयोग के किसी सदस्य या अध्यक्ष को समन जारी नहीं करेगी लेकिन,
अध्यक्ष और सभी सदस्य सीबीआइ जांच में सहयोग करेंगे। 1इस संबंध में आयोग के
चेयरमैन डॉ. अनिरुद्ध सिंह यादव ने कुछ भी बताने से इन्कार कर दिया, जबकि
सचिव जगदीश का कहना है कि प्रतियोगियों की तरफ से अफवाह उड़ाई गई है। न तो
परीक्षा समिति की तरफ से ऐसा कोई प्रस्ताव तैयार हुआ है और न ही किसी
कर्मचारी ने सीबीआइ जांच में व्यवधान डाला है।
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