इलाहाबाद : एनसीईआरटी का भले ही यूपी बोर्ड ने पाठ्यक्रम अपनाया हो
लेकिन, अब बोर्ड उसे पीछे छोड़ने की तैयारी में है। यह काम पुस्तकों का
‘दाम’ तय करने में दिखेगा। सरकार इस कदम से अभिभावकों को बड़ी
राहत दिलाएगी। बोर्ड मुख्यालय पर बुधवार को नए
पाठ्यक्रम की पुस्तकों का टेंडर खोला जाना है।
संकेत हैं कि इसमें अधिकांश
किताबों का मूल्य एनसीईआरटी की बाजार में चल रही पुस्तकों से भी कम होगा।
17 प्रकाशकों ने टेंडर हथियाने के लिए कम दरों पर किताबें मुहैया कराने की
दावेदारी की है। 1माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड ने प्रदेश सरकार
के निर्देश पर 2017 में एक से बढ़कर एक रिकॉर्ड बनाए हैं। कुछ ही महीने में
एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम को अपनाया गया। अब नए शैक्षिक सत्र अप्रैल माह के
पहले 26 हजार कालेजों में पढ़ने वाले करीब सवा करोड़ से अधिक छात्र-छात्रओं
के लिए किताबें मुहैया कराना है। बोर्ड ने इसकी निविदा आमंत्रित कर ली है।
इसे 27 जनवरी को खोला जाना था और कार्य आवंटन 29 जनवरी को प्रस्तावित था
लेकिन, उसे टाल दिया गया था। अब बुधवार को टेंडर खोले जाएंगे। इसके लिए सभी
17 प्रकाशकों को बुलाया गया है। इन प्रकाशकों ने 46 ग्रुपों में निविदाएं
डाली हैं, उम्मीद है कि एक प्रकाशक को दो ग्रुप का ही टेंडर मिलेगा। इसके
लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक व बोर्ड के सभापति डा. अवध नरेश शर्मा भी पहुंच
रहे हैं। अभी तक यह माना जाता था कि एनसीईआरटी ही सबसे कम मूल्य पर अच्छी
गुणवत्ता की किताबें मुहैया कराता है लेकिन, इसे यूपी बोर्ड तोड़ने की
तैयारी में है। सूत्रों की मानें तो इंटरमीडिएट में गणित की जो किताब
एनसीईआरटी में 130 से 135 रुपये में उपलब्ध होती है, वह किताब यूपी बोर्ड
मात्र 65 से 70 रुपये में उपलब्ध करा सकता है। यह कदम अभिभावकों को बेहद
रास आएगा, क्योंकि अभी तक निजी प्रकाशकों की किताबें उन्हें खरीदनी पड़ रही
थी, जो चर्चित प्रकाशकों के मुकाबले महंगी पड़ती रही हैं। बोर्ड ने भौतिक,
रसायन, गणित, अर्थशास्त्र, नागरिक शास्त्र व इतिहास आदि की किताबों का ही
फिलहाल टेंडर कर रहा है। संभव है कि इसी सप्ताह यानी फरवरी के पहले सप्ताह
में टेंडर आवंटन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। पहले टेक्निकल बिड खुलेंगी
उसके बाद फाइनेंशियल बिड खोली जानी हैं।
sponsored links:
0 Comments