इलाहाबाद : कर्मचारी चयन आयोग के क्षेत्रीय कार्यालय में नियुक्ति के
लिए बिहार की अभ्यर्थी को फर्जी नियुक्ति पत्र देने का मामला जितना बड़ा है
पुलिस अधिकारी उसे उतना ही मामूली तौर पर ले रहे हैं।
मध्य क्षेत्र के
क्षेत्रीय
निदेशक की ओर से पुलिस अधीक्षक को इस संबंध में दी गई
लिखित सूचना के 20 दिनों बाद भी जालसाज का पता नहीं लगाया जा सका है।
एसएससी मध्य क्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक कार्यालय में फर्जी नियुक्ति पत्र
का मामला पिछले दिनों सामने आया था जिसमें बिहार के बेगूसराय निवासी एक
अभ्यर्थी नियुक्ति पत्र और सभी अन्य प्रमाण पत्र लेकर क्लर्क की नौकरी
ज्वाइन करने पहुंच गई। निदेशक राहुल सचान और कार्यालय के अन्य कर्मचारी
नियुक्ति पत्र देखकर हैरान रह गए, क्योंकि वह आयोग के चेयरमैन असीम खुराना
के हस्ताक्षर से जारी हुआ था। युवती ने अपना नियुक्ति पत्र स्टॉफ को दिखाया
जो आयोग के चेयरमैन असीम खुराना की ओर से 29 दिसंबर 2017 को जारी किया गया
था।
इसमें लिखा था कि उसका चयन सीधी भर्ती के तहत हुआ है और मासिक वेतन 22
हजार 290 रुपये है। आयोग के स्टाफ को हैरानी इस पर हो गई क्योंकि इसके पहले
कभी आयोग अध्यक्ष की ओर से मल्टी टास्किंग परीक्षा के जरिए क्लर्क पद पर
चयन का नियुक्ति पत्र नहीं आया था। क्षेत्रीय निदेशक राहुल सचान पत्र देखते
ही समझ गए कि यह किसी जालसाज की हरकत है लेकिन, युवती के कार्यालय आने से
उन्होंने दिल्ली मुख्यालय तक संपर्क भी किया जिसमें पुष्ट हुआ कि इस तरह का
आदेश जारी ही नहीं हुआ।
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