टीईटी मामले की सुनवाई 12 से रोज होगी , एकल पीठ का आदेश कानून के अनुसार सही नहीं

हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने टीईटी के मामले में एकल पीठ के आदेश को चुनौती देने वाली विशेष अपील पर सोमवार 12 मार्च से प्रतिदिन सुनवाई के आदेश दिए हैं।
अदालत ने कहा है कि इस मामले को प्रतिदिन सुनवाई कर शीघ्र निपटाया जाय। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति दिलीप बाबा साहब भोसले और न्यायमूर्ति विवेक चौधरी की खंडपीठ ने राज्य सरकार की ओर से दायर विशेष अपील पर दिया है।
सरकार की ओर से टीईटी मामले में एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी गई है। कहा गया है कि इस मामले में दिया गया एकल पीठ का आदेश कानून के अनुसार सही नहीं है।
रिज़वान अहमद और अन्य की ओर से दायर याचिकाओं में शिक्षक भर्ती परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों पर आपत्ति की गई थी। आरोप था कि टीईटी में पूछे गए 14 प्रश्न सिलेबस के बाहर के थे। याचिकाओं में 14 विवादित प्रश्नों के मामले को चुनौती देते हुए कहा गया था कि 15 अक्तूबर को परीक्षा कराई गई। इसके बाद 18 अक्तूबर को जारी की गई उत्तरमाला में आठ प्रश्नों के जवाब या तो गलत थे या फिर दो-दो विकल्प सही थे। कहा गया कि चार प्रश्न ऐसे थे जो पाठ्यक्रम से बाहर के थे। यह भी कहा गया कि संस्कृत भाषा के दो प्रश्न उत्तर के साथ थे। इस मामले में अदालत ने पहले परीक्षा परिणाम को अपने आदेश के अधीन कर लिया था। अदालत ने इस मामले में पूरी भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने संबंधित याचियों की मांग को नहीं माना बल्कि विवादित 14 प्रश्नों को हटाकर  शेष प्रश्नों के आधार पर मेरिट बनाने के आदेश दिए थे। इस आदेश को अब हाईकोर्ट में डिविजन बेंच के सामने चुनौती दी गई है, जिस पर सोमवार से प्रतिदिन सुनवाई होगी।
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