बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री के बयान से शिक्षामित्रों की उम्मीदों पर फिरा पानी

ललितपुर। जनपद समेत प्रदेश के सभी शिक्षामित्र काफी दिनों से यह उम्मीद लगाए हुए थे कि योगी सरकार नवीन शैक्षिक सत्र से उनके लिए कुछ बेहतर करेगी। लेकिन विगत रोज बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री अनुपमा जायसवाल द्वारा जारी किए गए बयान से सभी शिक्षामित्रों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है।
राज्यमंत्री जायसवाल ने साफ शब्दों में यह कहा है कि प्रदेश सरकार शिक्षामित्रों को मानदेय 10 हजार कर चुकी है, इससे अधिक मानदेय बढ़ाने का कोई विचार व प्रस्ताव नहीं है।
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री के इस बयान से जनपद समेत सूबे के समस्त शिक्षामित्रों की उम्मीदें टूट गई हैं। इससे स्थानीय शिक्षामित्रों में रोष है। वहीं, शिक्षामित्रों ने विगत माह हुई टेट की परीक्षा में भी हुई लापरवाही को भी सरकार की साजिश बताया है।
अनदेखी का भुगतना पड़ेगा खामियाजा
सुप्रीम कोर्ट से आहत शिक्षामित्र उत्तर प्रदेश सरकार से उम्मीद रखे थे कि इस महंगाई के दौर में सरकार सम्मान जनक मानदेय देने पर विचार करेगी। इसका उत्तर प्रदेश के 01 लाख 72 हजार शिक्षामित्र बेसबरी से इंतजार कर रहे थे। लेकिन बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री के बयान से सभी आहत हैं। क्योंकि शिक्षामित्र 80 किलोमीटर तक की लंबी दूरी तय करके विद्यालय शिक्षण कार्य करने जा रहे है। इसमें लगभग 12 से 15 हजार रुपये प्रतिमाह आने-जाने में खर्च हो रहा है। अब शिक्षामित्र सरकार द्वारा दिए जा रहे 10 हजार रुपये के मानदेय में अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करें। यदि अब भी शिक्षामित्रों की इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया गया तो आगामी समय में सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
-भगवत सिंह बैस
जिलाध्यक्ष
आदर्श समायोजित शिक्षक/शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन
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