विशेष आरक्षण/हॉरिजोंटल रिजर्वेशन के पद सेकंड कॉउंसीलिंग के लिए न रूकने दें - AG

*विशेष आरक्षण/हॉरिजोंटल रिजर्वेशन के पद सेकंड कॉउंसीलिंग के लिए न रूकने दें - AG*
1) विशेष आरक्षण के पदों को सेकंड कॉउंसीलिंग के लिए नियम 14(1)(a) के रहते नहीं रोका जा सकता है।

*2) आपने देखा होगा वेरटिक्ल रिज़र्वेशन यानी एससी ओबीसी एसटी आरक्षण को फर्स्ट कॉउंसीलिंग में ही लागू किया जाता है।*
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3) यदि रिक्तियां शेष रहती हैं (जो unreserved तो बच ही नहीं पाती रोस्टर के कारण) तो ही सेकंड कॉउंसीलिंग कराई जाती है।
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*4) विशेष आरक्षण वेरटिक्ल नहीं होता हॉरिजोंटल होता है। यानी यदि विशेष आरक्षित कैंडिडेट उपलब्ध है तो उसको सीट दे दी जाती है यदि नहीं है तो उस रिक्ति को मेरिट अनुसार विशेष आरक्षण में न आने वाले कैंडिडेट से भर लिया जाता है।*
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5) विशेष आरक्षण वाला व्यक्ति अपनी मेरिट से यदि रिजर्वेशन के बिना भी सेलेक्ट हो रहा होता है तो भी उसे विशेष आरक्षण की सीट पर ही लिया जाता है। (Reason : ये हॉरिजोंटल रिजर्वेशन है वर्टिकल नहीं)
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*6) जब तक प्रशिक्षण जनपद आवेदन बाध्यता का नियम 14(1)(a) इंटेक्ट है तब तक हॉरिजोंटल को सेकंड तक रोकना गलत है।*
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7) इस विसंगति का किसी ने विरोध नहीं किया और सेकंड कॉउंसीलिंग के लिए हर बार सीट्स रोकी जाती हैं और सेकंड में फिर से भरने के लिए विशेष आरक्षितों को opportunity दे दी जाती है यानी हॉरिजोंटल को वेरटिक्ल बना दिया जा रहा है, जो नियम 14(1)(a) के कारण गलत है और कोर्ट से रद्द हो जाएगा। (तभी तक जब तक यह नियम बना हुआ है)
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*8) कोर्ट का रास्ता लम्बा रहता है इसलिए कटऑफ बॉर्डर वाले डीएम डाइट प्राचार्य से इस सम्बंध में वार्ता करके सेकंड कॉउंसीलिंग तक विशेष आरक्षण की सीट को सुरक्षित न रखने दें। इससे हर जनपद की कटऑफ गिरेगी और बॉर्डर वाला नौकरी पा जाएगा।*
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~AG