कट ऑफ से अधिक अंक भी बेमानी, सीबीआइ टीम के सामने धांधली के सुबूत पेश

इलाहाबाद : लोअर सबऑर्डिनेट परीक्षा 2008 में जिस धांधली का आरोप लगाकर प्रतियोगी छात्रों ने 2013 में भारी बवाल किया था, उसी परीक्षा के एक अभ्यर्थी ने सोमवार को सीबीआइ टीम के सामने धांधली के सुबूत पेश कर दिए। अन्वेषक कम संगणक (सहकारी समिति) पद के एक अभ्यर्थी ने तथ्यों को पेश करते हुए बताया कि
उप्र लोक सेवा आयोग की ओर से निर्धारित कट ऑफ से उसके अंक अधिक थे फिर भी उसका चयन नहीं हो सका।1अभ्यर्थी ने सोमवार को सीबीआइ के इलाहाबाद में गोविंदपुर स्थित कैंप कार्यालय पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज कराई। बताया कि लोअर सबऑर्डिनेट 2008 में अन्वेषक कम संगणक (सहकारी समिति) का पद था, जिसकी अर्हता विज्ञान विषय से स्नातक थी। इस पद के लिए सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों की कट ऑफ मेरिट 229.47 निर्धारित थी। मुख्य परीक्षा का परिणाम 27 दिसंबर, 2013 को जारी कर आयोग ने उसके अंक पत्र जारी करने में काफी विलंब किया तो अभ्यर्थी ने सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत आयोग को पत्र देकर अपना कट ऑफ अंक जानना चाहा। अभ्यर्थी के अनुसार आयोग से उसे भेजे गए जवाब में कट ऑफ 259.76 लिखकर दिया गया। हालांकि जवाब में ही आयोग ने यह लिखकर दिया कि कट ऑफ बाद में जारी किया जाएगा। अभ्यर्थियों के चयन में मनमानी करने के लिए आयोग ने किसी का अंक पत्र जारी नहीं किया और साक्षात्कार के लिए अभ्यर्थियों का चयन कर उन्हें बुलावा पत्र भेज दिया जिसका विरोध हुआ।

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