68500 शिक्षक भर्ती में फंस सकता उर्दू का पेंच, कोर्ट संतुष्ट न हुआ तो गहराएगा 27 मई की लिखित परीक्षा पर संकट

इलाहाबाद : परिषदीय स्कूलों की 68500 सहायक अध्यापक भर्ती 2018 के विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं। टीईटी 2017 का प्रकरण किसी तरह से सुलझा तो अब उर्दू विषय का पेंच फंस गया है। जिस तरह से परीक्षा के चंद दिन पहले हाईकोर्ट ने हलफनामा मांगा है, उससे यदि कोर्ट संतुष्ट न हुआ तो 27 मई की लिखित परीक्षा पर संकट गहराएगा।

बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों की भर्ती की लिखित परीक्षा के लिए दूसरे चरण के आवेदन पूरे हो चुके हैं। प्रश्नपत्र व कॉपियां पहले ही मंडल मुख्यालयों पर पहुंचाए जा चुके हैं। ऐसे में परीक्षा की तैयारियां पूरी हैं। इसी बीच हाईकोर्ट में उर्दू विषय लिखित परीक्षा में शामिल न होने का प्रकरण तूल पकड़ गया है। असल में डीएलएड में उर्दू भाषा लेने का विकल्प मौजूद है। वहीं, जब परिषद ने शिक्षक भर्ती का पाठ्यक्रम जारी किया तो उसमें संस्कृत व उर्दू दोनों को शामिल नहीं किया था, बाद में संस्कृत विषय जोड़ा गया। इसी को लेकर याचिका हाईकोर्ट में हुई। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव की ओर से दो हलफनामे कोर्ट में सौंपे गए, दोनों में विरोधाभाष होने पर कोर्ट ने 23 मई को नया हलफनामा मांगा है। 1यदि कोर्ट ने उर्दू को लिखित परीक्षा में शामिल करने का निर्देश दिया तो परीक्षा का एक बार फिर टलना तय है, क्योंकि उसके लिए नए अभ्यर्थियों से फिर आवेदन लेना परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव की बाध्यता होगी।