इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हिंदी भाषा अनुदेशकों की भर्ती का
परीक्षा परिणाम घोषित न करने के मामले में राज्य सरकार से एक महीने में
जवाब मांगा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता व न्यायमूर्ति नीरज
तिवारी की खंडपीठ ने बलिया के मुन्ना पांडेय व तीन अन्य की विशेष अपील पर
दिया है। एकल पीठ ने याचिका खारिज कर दी थी। अपील पर वरिष्ठ अधिवक्ता एएन
त्रिपाठी ने बहस की। याचीगण का कहना है कि 2498 इंस्ट्रक्टर के पद
विज्ञापित हुए। इसमें 27 पद हिंदी भाषा इंस्ट्रक्टर केभी शामिल हैं। 2016
में हिंदी भाषा का परिणाम यह कहते हुए घोषित नहीं किया गया कि हिंदी स्टेनो
की जरूरत नहीं है। कोर्ट ने निदेशक कौशल विकास विभाग को दो महीने में
निर्णय लेने का निर्देश दिया। निदेशक की ओर से अस्वीकार करने के खिलाफ एकल
पीठ में याचिका खारिज हो गई तो यह अपील दाखिल की गई है। याची के अधिवक्ता
का तर्क था कि हिंदी स्टेनोग्राफर व हिंदी भाषा के पद अलग हैं। हिंदी भाषा
के 27 व हिंदी स्टेनो के 51 पद विज्ञापित हैं। दोनों पदों को एक नहीं माना
जा सकता। सरकार को ही पद समाप्त करने का अधिकार है। किसी पद की आवश्यकता को
नहीं बताकर निदेशक उसे समाप्त नहीं कर सकता।
