राज्य ब्यूरो, लखनऊ : परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 68,500
शिक्षकों की भर्ती के लिए प्रस्तावित लिखित परीक्षा को उत्तीर्ण करने के
लिए परीक्षा में 33 प्रतिशत अंक पाने को अनिवार्य करने पर शासन विचार कर
रहा है।
रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके सरकारी आवास पर
मिलकर शिक्षामित्रों के प्रतिनिधिमंडल ने भी की लिखित परीक्षा को उत्तीर्ण
करने के लिए अंकसीमा को घटाने की मांग की है।1गौरतलब है कि 150 अंकों की
लिखित परीक्षा के लिए पूर्व में जारी शासनादेश में कहा गया था कि परीक्षा
में 67 यानी 45 प्रतिशत या उससे अधिक अंक पाने वाले सामान्य व पिछड़ा वर्ग
अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण माना जाएगा। वहीं अनुसूचित जाति/जनजाति के
अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम अर्ह अंक 40 प्रतिशत यानी 60 अंक की सीमा तय की
गई थी। टीईटी उत्तीर्ण शिक्षामित्र शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल ने
मुख्यमंत्री से मिलकर परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में में 68,500 सहायक
अध्यापकों की भर्ती में टीईटी उत्तीर्ण शिक्षामित्रों को सुप्रीम कोर्ट के
आदेश के क्रम में यथोचित प्राथमिकता दिए जाने का अनुरोध किया। पूर्व में
हाईकोर्ट के आदेश के कारण अटकी परीक्षा को 27 मई को आयोजित करने और इसके
लिए आठ मई को विज्ञापन प्रकाशित करने का प्रस्ताव है।1इसके अलावा
प्रतिनिधिमंडल ने सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में पास होने के लिए अंकों
की सीमा में छूट व 25 प्रतिशत अतिरिक्त भारांक तथा टीईटी-2013 की वैधता को
भर्ती परीक्षा में अनुमन्य किए जाने का भी अनुरोध किया गया। मुख्यमंत्री ने
प्रतिनिधिमंडल की मांगों को ध्यान से सुना। उन्होंने अपर मुख्य सचिव बेसिक
शिक्षा राज प्रताप सिंह को प्रतिनिधिमंडल की मांगों को स्वीकार करने के
लिए आवश्यक कार्यवाही करते हुए शासनादेश जारी करने के निर्देश दिए ताकि
भर्ती परीक्षा में टीईटी उत्तीर्ण शिक्षामित्रों को किसी प्रकार की समस्या न
आए। बातचीत के दौरान मुख्य सचिव राजीव कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री
एसपी गोयल सहित टीईटी उत्तीर्ण शिक्षामित्र शिक्षक संघ के पदाधिकारीगण
मौजूद थे।’सीएम से मिल शिक्षामित्रों ने की पास अंकों की सीमा में छूट देने
की मांग1’शासन स्तर पर अंकों में छूट पर चल रहा विचार मंथन1