जागरण संवाददाता, मथुरा: फर्जी शिक्षक भर्ती घोटाला की जांच में दोषियों
पर पुलिस गैंगस्टर की कार्रवाई का मन बना चुकी है। समस्या यह है कि अभी तक
पुलिस को घोटाले से जुड़े कागजात शिक्षा विभाग ने नहीं सौंपे हैं। इस कारण
जांच भी प्रभावित हो रही है।
12 हजार 460 शिक्षकों की भर्ती घोटाला की विभागीय जांच में 35 शिक्षकों
के कूटरचित दस्तावेज पाए गए। गड़बड़ी सामने आने पर तत्कालीन बीएसए संजीव
कुमार ने 33 शिक्षक और एक पटल बाबू महेश शर्मा के खिलाफ एफआइआर कराई है,
लेकिन इससे संबंधित दस्तावेज पुलिस को नहीं सौंपे हैं। एफआइआर के बाद पुलिस
अपने सूत्रों के आधार पर इस रैकेट की जड़ तक जाना चाहती है। माना जा रहा है
कि इतना बड़ा घोटाला अकेले पटल बाबू के बूते की बात नहीं हो सकती है। इस
घोटाले में जो दोषी साबित होंगे, उन पर गैंगस्टर की कार्रवाई होना तय माना
जा रहा है। बीएसए विभाग के गलियारों में चर्चा है कि फर्जी शिक्षक घोटाले
के रैकेट के सदस्य दस्तावेज बदलना चाहते हैं। इसलिए पुलिस को उपलब्ध नहीं
कराए जा रहे हैं। हालांकि पुलिस ने दस्तावेज वाले कमरे पर नोटिस चस्पा कर
उसे सील कर दिया है। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच
के लिए एसपी देहात आदित्य कुमार के नेतृत्व में एसआइटी गठित कर दी। अब जांच
टीम नवगत बीएसए चंद्रशेखर से पुलिस शिक्षक भर्ती दस्तावेज उपलब्ध कराने के
लिए कहेगी। एसपी देहात आदित्य कुमार ने बताया कि यदि इस प्रकरण में कोई
दोषी साबित होता है तो उस पर गैंगस्टर की कार्रवाई की जाएगी। अभी इस प्रकरण
के दस्तावेज पुलिस को नहीं मिल सके हैं।
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