हलफनामे में गलत तथ्य देकर फंसे यूपीपीएससी कर्मी और चयनित

इलाहाबाद : यूपीपीएससी से गलत तरीके से चयनित पीसीएस अफसरों और उन्हें नियम विरुद्ध लाभ पहुंचाने वालों ने अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है। इन सभी ने सीबीआइ अफसरों को अपनी संपत्ति का जो हलफनामा दिया है उसमें बैंक में जमा रकम, उसके स्त्रोत, जमीन, फ्लैट और अन्य अचल संपत्ति के तमाम तथ्य झूठे मिले
हैं, जबकि हलफनामे पर इनकी शपथ है कि उनकी ओर से घोषित सभी तथ्य सही हैं। सीबीआइ ने अपने सूत्रों से और शिकायत कर्ताओं से मिली जानकारी के आधार पर संपत्ति और बैंक में जमा रकम के स्त्रोत का वास्तविक पता लगा लिया है।1पीसीएस 2015 में गलत तरीके से चयनित और यूपीपीएससी के अधिकारी/कर्मचारियों में करीब एक सौ लोगों के बारे में जांच अधिकारियों ने अब तक जानकारी जुटा ली है। पूछताछ के दौरान इन सभी ने हलफनामा दिया है कि उनके पास कितनी संपत्ति है, बैंक खाता संख्या, उसमें जमा रकम, राशि प्राप्त होने के स्त्रोत, जमीन और फ्लैट कहां-कहां और किसके नाम हैं। चयनित पीसीएस अफसरों के चयन से पहले और बाद की आर्थिक स्थिति भी सीबीआइ को मिली है। इनमें आयोग के अधिकारी व कर्मचारियों की आय व पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल यादव के कार्यकाल में अर्जित संपत्ति में बेतहाशा वृद्धि होने का पता चला है। सीबीआइ सूत्रों के अनुसार हलफनामा पर गलत जानकारी देने से ही स्पष्ट हो रहा है कि भर्तियों में व्यापक रूप से गड़बड़ी हुई और इसमें शामिल लोगों का जाल काफी लंबा फैला है।1सीबीआइ अधिकारियों का कहना है कि हलफनामा में दी गई जानकारी और उसके विपरीत मिली संपत्ति का ब्यौरा कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा, उससे पहले संबंधित लोगों से एक बार फिर पूछताछ की जाएगी। जांच अधिकारी अब पीसीएस मेंस परीक्षा 2017 के खत्म होने के इंतजार में हैं। इसके ठीक बाद सीधी कार्रवाई शुरू होने के संकेत दिए हैं। वहीं जिन पीसीएस अफसरों का चयन गलत तरीके से हुआ है और उनके हलफनामे भी गलत पाए गए हैं उन्हें चार्जशीट देने की तैयारी है।