सरकार की सख्ती के बाद प्राथमिक शिक्षा में सुधार नहीं

धामपुर। प्रदेश के सीएम की सख्ती के बाद भी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होता नजर नहीं आ रहा है। धामपुर, अफजलगढ़, नहटौर और बुढ़नपुर ब्लाक में अभी भी कई ऐसे विद्यालय हैं जो केवल शिक्षामित्रों के भरोसे चल रहे है।

अफजलगढ़ ब्लाक के बीईओ सुनील डबराल ने बताया कि उनके ब्लाक में कुल 137 प्राथमिक और 61 जूनियर हाईस्कूल हैं। ब्लाक में अभी तक एक दर्जन स्कूल ऐसे हैं, जिनमें शिक्षक की तैनाती नहीं हुई है। यह स्कूल केवल शिक्षामित्रों के भरोसे चल रहे हैं। धामपुर नगर क्षेत्र के स्कूल भवनों की स्थिति तो पहले से ही जर्जर हैं। यहां तक धामपुर में जहां खंड शिक्षा अधिकारी का कार्यालय है। उस कार्यालय में चार स्कूलों का संचालन होता है। लेकिन स्कूलों के भवन जर्जर हैं। कई बार बीएसए ने यहां आकर स्कूूलों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान बीईओ को निर्देशित दिए कि वे जल्द विद्यालय भवनों की मरम्मत का प्रस्ताव बनाकर भेजें। बीईओ की ओर से कई बार प्रस्ताव भी बीएसए को भेजे गए। पर प्रगति अभी तक शून्य ही रही है। नगर क्षेत्र में 10 विद्यालय हैं। इन सभी स्कूलों के भवनों की स्थिति विभागीय अधिकारियों के रुचि न लेने से बदहाल बनी है। नहटौर के बीईओ सुभाष चंद्र और बुढ़नपुर ब्लाक के सतेंद्र कुमार का कहना है कि उनके ब्लाकों में भी अधिकांश स्कूलों के भवनों की दयनीय स्थिति है।

यूनिफार्म का वितरण करना तो अपनी क्षमता में : बीईओ
बीईओ सुनील डबराल का कहना है कि सरकार के आदेश पर जुलाई के प्रथम सप्ताह में पंजीकृत बच्चों को ड्रेसों का हरहाल में वितरण करने के आदेश है। पर उन्हें नहीं लगता है कि ऐसा निर्धारित अवधि हो सकेगा। स्कूल के प्रति छात्र को यूनिफार्म की दो सेटों का वितरण किया जाना है। जिनकी लागत 400 रुपये से कम नहीं होनी चाहिए। उन्हें द्वारा इस संबंध में स्कूलों के हैडमास्टरों की मीटिंग ले गई है। निर्देशित कर दिया गया है कि भले ही यूनिफार्म का वितरण प्रथम सप्ताह में न हो। लेकिन एक सेट का वितरण 15 जुलाई तक हो जाना चाहिए।

कैसे और कब तक होगा पुस्तकों का वितरण
सरकार के आदेश है कि स्कूलों में पंजीकृत सभी बच्चों को सरकार की ओर से निशुल्क तौर पर उपलब्ध होने वाली पुस्तक भी जुलाई के प्रथम सप्ताह में बंटनी हैं। पर जब पुस्तक अभी जिला मुख्यालय पर ही नहीं आई है तो अधिकारी कैसे प्रथम सप्ताह में पुस्तकों का वितरण करा सकते हैं। पुस्तकों को उपलब्ध कराने का काम सरकार का है। जब तक पुस्तकें ब्लाक मुख्यालयों पर नहीं पहुंचेेगी। वितरण संभव नहीं हो सकेगा। नहीं लगता कि जुलाई के अंतिम सप्ताह से पहले पुस्तकों का वितरण हो पाएगा।