नई दिल्ली : विश्वविद्यालय और कालेजों में यौन उत्पीड़न से जुड़ी घटनाएं
अब सहन नहीं होगी। ऐसे मामलों पर यूजीसी खुद ही निगाह रखेगा।
विश्वविद्यालय और कालेजों से अनिवार्य रूप से ऐसे मामलों की जानकारी देने
को कहा है। 1 अब तक ऐसे सभी मामले में विवि और कालेजों के स्तर पर ही
निगरानी में रहते थे।
इनमें अधिकांश में कोई कार्रवाई ही नहीं हो पाती थी।
यूजीसी ने इसके अलावा सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से अपने यहां अनिवार्य रूप
से आंतरिक शिकायत कमेटी और विशेष सेल गठित करने का भी सुझाव दिया है।
यूजीसी से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक ऐसे मामलों की देखरेख के लिए उच्च
स्तर पर एक कमेटी गठित की गई है। जहां ऐसे मामलों की प्रगति जांची जाएगी।
माना जा रहा है कि यूजीसी के इस कदम से उच्च शिक्षण संस्थानों में महिला
कर्मचारियों और छात्रओं के साथ छेड़छाड़ करने वालों में डर पैदा होगा।
यूजीसी ने यह कदम समय उठाया है, जब उसके कामकाज को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
अभी तक ऐसे मामलों की शिकायत यूजीसी के पास सीधे आने के बजाय सरकार और
महिला आयोग के पास जाती थी।
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