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बेसिक शिक्षा विभाग और मिड-डे मील: काहे का मेन्यू, कहीं दाल-भात मिल रहा, कहीं पर लाई-चना: नाकाफी है मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता जांच के लिए विभागीय उपाय, अधिकतर विद्यालयों में मेन्यू ही उपलब्ध नहीं, भोजन बनाने से लेकर वितरण तक में लापरवाही

इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में मिड डे मील में क्वालिटी कंट्रोल व्यवस्था पर कोई नियंत्रण नहीं है। कुछ स्थानों को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर विद्यालयों में मीनू पटरी पर नहीं है। नगरीय क्षेत्र के कुछ विद्यालयों को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर स्थानों पर मेन्यू ही अंकित नहीं हैं।
इसके अलावा भोजन तैयार करने के बाद उसे स्वाद और क्वालिटी चखने का सरकारी फामरूला नहीं दिखा। अधिकतर स्थानों पर जमीन पर बच्चे मध्यान्ह भोजन खाते नजर आए। 1नगर के विद्यालयों की बात करें तो प्राथमिक विद्यालय साउथ मलाका में बच्चों को बिना क्वालिटी कंट्रोल के भोजन दिया गया। प्राथमिक विद्यालय पीडी टंडन रोड पर बच्चों ने जमीन पर बैठकर भोजन किया। उच्च प्राथमिक विद्यालय अकबरपुर में भोजन की क्वालिटी कंट्रोल शिक्षिकाओं ने ही किया। प्राथमिक साउथ मलाका में भी ऐसी स्थिति रही। प्राथमिक विद्यालय ऋषिकुल शिवकुटी में बच्चों ने बिना दरी के जमीन पर बैठकर भोजन किया। नगर के अधिकतर विद्यालयों में बच्चे जमीन पर बैठकर ही भोजन करते दिखे। जबकि मंडलायुक्त का स्पष्ट आदेश है कि मध्यान्ह भोजन में मानक एवं मेन्यू के अनुसार ही बनाए जाएं। बच्चों को भोजन परोसने से पहले संबंधित अध्यापक, रसोइये, अभिभावक, मां समूह द्वारा भोजन को अवश्य चखा जाए। दूध एवं फल वितरण कार्यक्रम को अधिक सफल बनाया जाए।

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