मुद्दा ऐ जिला वरीयता
12460 जिला वरियता लखनऊ कोर्ट की सुनवाई का आंखों देखा हाल ।
आज 3 बजे अपना केश टेकअप हुआ। हमारी तरफ से सीनीयर अधिवक्ता जयदीप नरायन
माथुर साहब ने अपना आर्गुमेन्ट शुरू किया और 50 मिनट तक उन्होंने बहस किया।
50 मिनट की जोरदार बहस में माथुर साहब ने विज्ञापन, , मेरिट, नियमावली ,
सर्कुलर, 1981, 14(1) ,6ख , विपक्ष के अब तक के बहस का काट, सुप्रीम कोर्ट
का नजीर , सचिव द्वारा बीच में सर्कुलर जारी कर शून्य जनपद वालों को वरियता
देना आदि मुद्दों पर एक एक बिन्दुवार बेहतरीन बहस किया जिसको जज साहब ने
एक एक प्वाइन्ट को नोट किया और अपनी सहमति जताई। आज माथुर साहब के बहस से
जज साहब पूरी तरह से क्लीयर हो गये कि जिला वरियता रूल में हैं इसको इग्नोर
नहीं किया जा सकता।
साथियों आज तक विपक्ष के वकील बार बार कोर्ट को यह बता रहे थे कि कट आफ
जारी होने के बाद चैलेन्ज किया गया है जो रूल के खिलाफ है। जिस पर आज माथुर
साहब ने सुप्रीम कोर्ट के दो ऐसे नजीर को पेश किया जिस पर जज साहब पूरी
तरह से सन्तुष्ट हो गये। अब विपक्ष इस बात को दुबारा बोल भी नहीं सकता कि
इनका चैलेन्ज गलत है।
आज माथुर साहब ने विज्ञापन 15/12/2016, 21/12/16, फिर 26/12/16, 28/12/16,
25/3/2017 में विज्ञापन व सर्कुलर में फेर बदल कर कैसे शून्य जनपद को लाभ
दिलाने का प्रयास किया गया है।उन्होंने कोर्ट को बताया कि शून्य जनपद वालों
के अभ्यर्थियो को 5 वर्ष की उम्र सीमा में छूट दी गई है। शून्य जनपद को
दूसरी काऊन्सलिग में सीट बचने के बाद बुलाने की बात मूल विज्ञप्ति में कही
गई है। प्रथम वरियता जनपद के डायट से दो वर्षीय बी टी सी प्रशिक्षण प्राप्त
अभ्यर्थी को देने की बात कही गई है जब कि यहां सेक्रेटरी द्वारा बाद में
सर्कुलर बदलकर शून्य जनपद वालों को प्रथम काउंसिलिग कराकर प्रथम बरियता दी
जा रही है।
और भी बहुत सारी बातें माथुर साहब ने कोर्ट को बताया । माथुर साहब की बातों
से कोर्ट पूरी तरह संतुष्ट हो गयी। और जज साहब आर्डर लिखवाने के लिए पूरी
तरह से मन बना लिए।
अन्त में जज साहब ने विपक्ष के वकील अनिल तिवारी , और सरकारी वकील से कहा
माथुर साहब का आर्गुमेन्ट सुनने के बाद मुझे नहीं लगता कि अब आप लोगों के
पास बोलने के लिए कुछ बचा होगा। अनिल तिवारी गिडगिडाने लगे और बोले एक
सम्मीसन मेरी और सुन ली जाए। जज साहब ने कहा अब नया कुछ बताएँगे इस केश में
तभी सुनेगे।
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