समायोजन प्रक्रिया में मनमानी के विरोध में शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

मऊ। बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से परिषदीय विद्यालयों में तैनात शिक्षकों के स्थानांतरण, समायोजन प्रक्रिया में मनमानी को लेकर नाराज शिक्षकों ने गुरुवार को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। इसके बाद जुलूस की शक्ल में शिक्षक नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे।
यहां डीएम को ज्ञापन सौंपा गया।
जनपद में चल रही समायोजन, पारस्परिक स्थानांतरण प्रक्रिया को लेकर गुरुवार को नगर सहित जिले के विभिन्न इलाकों से आए भारी संख्या में शिक्षकों ने बीएसए कार्यालय पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी शिक्षकों का कहना था कि स्थानांतरण समायोजन प्रक्रिया मनमाने ढ़ंग से की गई है। बीएसए पर आरोप मढ़ते हुए कहा कि सुविधा शुल्क न देने वाले शिक्षकों को 20 से 25 किमी दूर भेज दिया गया है। मानक को ताक पर रख दिया गया है। प्रदर्शनकारियों का यह भी कहना था कि जूनियर हाईस्कूलों में किए जा रहे समायोजन में नियम का पालन नहीं किया जा रहा है। प्राथमिक स्तर पर किए जा रहे समायोजन में शिक्षामित्रों की संख्या जोड़कर शिक्षकों का समायोजन किया जाना शिक्षकों के प्रति अन्याय है। सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के उपरांत शिक्षकों की संख्या में शिक्षामित्रों को जोड़ा जाना नियम के विपरीत है। महिला एवं विकलांग तथा आसक्त अध्यापकों तथा अध्यापिकाओं के विकल्प चुनने का अधिकार नहीं दिया गया। बिना मानक के आधार पर कुछ अध्यापकों को मूल ब्लाक में समायोजित किया गया। स्थानांतरण समायोजन प्रक्रिया को निरस्त कर पारदर्शी सूची बनाई जाए। अंत में उत्तरप्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष कृष्णानंद राय, विशिष्ट बीटीसी वेलफेयर एसोसिएशन जिलाध्यक्ष अंजनी सिंह के नेतृत्व में सैकड़ों शिक्षक जुलूस की शक्ल में कलेक्ट्रेट गए। वहां जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में शिक्षकों की मांगों पर विचार नहीं किया गया तो आंदोलन तेज करना ही अंतिम विकल्प होगा। डीएम ने जांच कराने के आश्वासन पर शिक्षक शांत हुए।

शिक्षक नेता ने पोर्टल पर दर्ज कराई शिकायत
मऊ। जिले के परिषदीय विद्यालयों में तैनात शिक्षकों के स्थानांतरण समायोजन प्रक्रिया में मनमानी के मामले मेें विशिष्ट बीटीसी वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अंजनी कुमार सिंह ने जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराया है। शिकायत में लिखा गया है कि शिक्षकों के स्थानांतरण समायोजन में व्यापक पैमाने पर अनियमितता बरती गई है। शिक्षकों के समायोजन प्रक्रिया में व्यापक धन उगाही की गई है। वरिष्ठ और दिव्यांग महिला शिक्षिकाओं को दूर का विद्यालय जबकि कनिष्ठ से पैसा लेकर नजदीक का विद्यालय आवंटित किया गया है।