इलाहाबाद
। शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में सफलता पाने में पिछड़ा वर्ग के
अभ्यर्थी सबसे आगे हैं। उन्होंने सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को काफी पीछे
छोड़ा है। उ
नकी यह बढ़त सभी को नियुक्ति दिलाने में बाधा भी बन सकती है। बेसिक शिक्षा परिषद मुख्यालय ने प्रदेश के सभी 75 जिलों में आरक्षणवार पदों की संख्या जारी की है, उसमें करीब आठ हजार ओबीसी अभ्यर्थी अधिक हैं। ऐसे में आरक्षण ओवर लैप करने या फिर कुल भर्ती को आधार बनाने पर ही सभी को नियुक्ति मिल सकेगी।
परिषदीय स्कूलों की 68500 सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा में कुल 41556 अभ्यर्थी सफल हुए हैं। परिषद ने पहले जिलावार पद तय किए और अब हर जिले में आवंटित पदों को आरक्षणवार बांट दिया है। जिलों में सामान्य के 20868 पद हैं, जबकि इस वर्ग के सफल अभ्यर्थी महज 15772 हैं। इसी तरह से ओबीसी के 11186 पद निर्धारित हैं, सफल अभ्यर्थी 19168 हैं।
एससी के 8702 पद हैं और सफल 6472 हैं, एसटी के 800 पद तय हुए हैं, जबकि सफल सिर्फ 123 हैं। इस तरह से श्रेणीवार आरक्षण में सामान्य के 5096, एससी की 2209 और एसटी की 677 सीटें खाली रह जाएंगी, जबकि ओबीसी के 7982 अभ्यर्थी तय पदों से अधिक हैं। सामान्य वर्ग की तय सीटों के अलावा विशेष आरक्षण के भी पद भरे जाने हैं, उनका भी जिलावार निर्धारण हुआ है, उसे भी जोड़ लें तो भी सामान्य वर्ग की सीटें खाली रहने के आसार हैं।
18 अगस्त को शासन ने नियुक्ति के लिए आदेश जारी किया है इसमें कहा गया है कि 41556 पदों से आरक्षित वर्ग की भर्ती नहीं हो पाती है तो अतिरिक्त अवशेष पदों को तब तक रिक्त रखा जाएगा जब तक कि उन पदों पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की नियमानुसार नियुक्ति नहीं हो जाती है। इस आदेश से स्पष्ट है कि शासन आरक्षण को ओवर लैप करके सीटें भरने के पक्ष में नहीं है। इस संबंध में तस्वीर पांच सितंबर को ही साफ हो सकेगी।
नकी यह बढ़त सभी को नियुक्ति दिलाने में बाधा भी बन सकती है। बेसिक शिक्षा परिषद मुख्यालय ने प्रदेश के सभी 75 जिलों में आरक्षणवार पदों की संख्या जारी की है, उसमें करीब आठ हजार ओबीसी अभ्यर्थी अधिक हैं। ऐसे में आरक्षण ओवर लैप करने या फिर कुल भर्ती को आधार बनाने पर ही सभी को नियुक्ति मिल सकेगी।
परिषदीय स्कूलों की 68500 सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा में कुल 41556 अभ्यर्थी सफल हुए हैं। परिषद ने पहले जिलावार पद तय किए और अब हर जिले में आवंटित पदों को आरक्षणवार बांट दिया है। जिलों में सामान्य के 20868 पद हैं, जबकि इस वर्ग के सफल अभ्यर्थी महज 15772 हैं। इसी तरह से ओबीसी के 11186 पद निर्धारित हैं, सफल अभ्यर्थी 19168 हैं।
एससी के 8702 पद हैं और सफल 6472 हैं, एसटी के 800 पद तय हुए हैं, जबकि सफल सिर्फ 123 हैं। इस तरह से श्रेणीवार आरक्षण में सामान्य के 5096, एससी की 2209 और एसटी की 677 सीटें खाली रह जाएंगी, जबकि ओबीसी के 7982 अभ्यर्थी तय पदों से अधिक हैं। सामान्य वर्ग की तय सीटों के अलावा विशेष आरक्षण के भी पद भरे जाने हैं, उनका भी जिलावार निर्धारण हुआ है, उसे भी जोड़ लें तो भी सामान्य वर्ग की सीटें खाली रहने के आसार हैं।
18 अगस्त को शासन ने नियुक्ति के लिए आदेश जारी किया है इसमें कहा गया है कि 41556 पदों से आरक्षित वर्ग की भर्ती नहीं हो पाती है तो अतिरिक्त अवशेष पदों को तब तक रिक्त रखा जाएगा जब तक कि उन पदों पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की नियमानुसार नियुक्ति नहीं हो जाती है। इस आदेश से स्पष्ट है कि शासन आरक्षण को ओवर लैप करके सीटें भरने के पक्ष में नहीं है। इस संबंध में तस्वीर पांच सितंबर को ही साफ हो सकेगी।