जागरण संवाददाता, आगरा: शिक्षामित्रों को मूल स्कूल में समायोजित करने
के साथ ही नई व्यवस्था में महिला शिक्षामित्रों को बड़ी राहत दी गई है।
उन्हें मूल स्कूल के अलावा पति के निवास स्थल या फिर ससुराल में स्थित
स्कूल में भी तैनाती दी जा सकती है।
शासन ने निर्देश दिया है कि शिक्षामित्रों के समायोजन से कोई स्कूल
शिक्षक विहीन नहीं होना चाहिए। इसका बीएसए को ध्यान रखना है। हर स्कूल में
कम से कम एक शिक्षक का रहना अनिवार्य है। इससे साफ हो गया है कि न तो जिले
में कोई शिक्षक विहीन स्कूल होगा और न ही कोई स्कूल शिक्षामित्र के भरोसे
संचालित होगा। किसी स्कूल में शिक्षामित्र की तैनाती से अगर संख्या बढ़ती
है तो शिक्षक को अन्य स्कूल में तैनाती दी जा सकती है। दरअसल, 19 जुलाई को
सरकार ने शिक्षामित्रों को उनके मूल स्कूलों में तैनात करने के आदेश दिए
थे। तभी से बेसिक शिक्षा विभाग में उक्त प्रक्रिया चल रही है।
शिक्षामित्रों से लिए स्कूलों के विकल्प
आगरा: शिक्षामित्रों को मूल स्कूलों में तैनात करने के लिए शनिवार को
डायट परिसर में कैंप आयोजित कर उनसे स्कूलों के विकल्प लिए गए। ताकि उन्हें
मूल स्कूल या फिर अन्य पसंदीदा स्कूल में तैनाती दी जा सके। अब उन्हें
स्कूल आवंटन की प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी। पूर्व में शिक्षामित्रों से
विकास खंड स्तर पर स्कूलों के विकल्प लिए गए थे। जो शिक्षामित्र प्रक्रिया
से वंचित रह गए थे, ऐसे 59 शिक्षामित्रों ने डायट परिसर में स्कूलों के
विकल्प दिए। बीएसए आनंद प्रकाश शर्मा ने बताया कि एक-दो दिन में
शिक्षामित्रों को स्कूल आवंटित कर दिए जाएंगे।
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