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कोर्ट ने माना 68500 शिक्षक भर्ती में हुआ भ्रष्टाचार, नौकरी पा चुके अभ्यर्थियों पर लटकी तलवार

लखनऊ। सहायक अध्यापक भर्ती में सफल होकर नौकरी पाए अभ्यर्थियों के लिए बुरी खबर है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सहायक अध्यापक भर्ती मामले में बड़ा झटका दिया है।
लखनऊ बेंच ने इस प्रक्रिया को सिरे से भ्रष्ट बताया है। साथ ही नाराजगी जाहिर करते हुए चुनाव प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताओं की बात कही है। कोर्ट ने अभ्यर्थियों की कॉपी में बार कोड टैली न होने की बात कही है। साथ ही इन्क्वायरी रिपोर्ट पेश न किए जाने पर भी नाराजगी जताई है।
इस मामले में अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी। साथ ही कोर्ट ने कहा है कि अगर अगली सुनवाई -में इन्क्वायरी रिपोर्ट नहीं आई तो चेयरमैन पर्सन को कोर्ट में हाजिर होना होगा। आपको बता दें कि इससे पहले भी विवाद हो चुका है। हाल ही में परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती ने चार बड़े विवाद खड़े कर दिए थे। 40 हजार से अधिक अभ्यर्थियों को नौकरी मिल चुकी है लेकिन सैकड़ों योग्य अभ्यर्थी ऐसे हैं जो विभाग की गलती के कारण दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पिछले दिनों साफ कर दिया है कि भर्ती उसके निर्णय के अधीन होगी। फिलहाल शासन की तीन सदस्यीय कमेटी भर्ती से जुड़े विभिन्न विवादों पर अपनी रिपोर्ट जल्द सौंपने जा रही है।

शिक्षक भर्ती के ऑनलाइन आवेदन में पूर्णांक/प्राप्तांक गलत भरने के कारण सैकड़ों अभ्यर्थी बाहर हो गये। इन अभ्यर्थियों ने लिखित परीक्षा के लिए जो ऑनलाइन सूचनाएं भरीं थीं उसी के आधार पर काउंसिलिंग करा दी गई। पूर्णांक/प्राप्तांक मूल रिकार्ड से भिन्न होने के कारण नियुक्ति पत्र रोक लिया गया है। शासन ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों से ऐसे अभ्यर्थियों की सूचनाएं मांगी है। अब इनका भविष्य सरकार पर निर्भर है।

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