कल ncte ने ओमकार सिंह की याचिका में काउंटर दाखिल कर दिया और एक बार पुनः
पुराने स्टैंड पर कायम रहते हुए एक कदम और आगे बढ़ गयी जिसमे ncte ने ये कह
दिया कि btc का फाइनल रिजल्ट टेट के रिजल्ट से पहले आ जाना चाहिए । बिलकुल
जैसा इलाहाबाद हाई कोर्ट की डबल बेंच ने प्रभात कुमार वर्मा में कहा था ।
कुल मिलाकर ncte ने अपने 11 फरवरी 2011 के पैरा 5(2) में निहित पर्सुयिंग
वर्ड की व्याख्या 7 वर्ष बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के सहारे लिख दी
जिसमे btc का रिजल्ट टेट के रिजल्ट से पहले आ जाना चाहिए । अब ncte पुरे
उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे देश में इस तरह के शिक्षकों के खिलाफ हो गयी है ।
कल सुबह जब ncte ये काउंटर मेंशन के माध्यम से दाखिल कर रही थी तभी उत्तर
प्रदेश सरकार के द्वारा अद्जॉर्नमेंट माँगा गया जिसे कोर्ट ने मना कर दिया ।
इससे एक बात साफ़ है कि कल कोर्ट फाइनल करने के इरादे से सुनवाई करेगी । इन
सभी बातों के मद्दे नज़र हमने दो सीनियर अधिवक्ता जिनको फाइनल कर लिया था
उन्हें सुनवाई में अपने सबसे भरोसेमंद अधिवक्ता श्री r k singh जी के साथ
बहस में उतारेंगे । टीम की तरफ से सीनियर अधिवक्ता श्री आर बी सिंघल और
श्री यतीन्द्र सिंह जी कल बहस करेंगे ।
देर शाम होते होते परिषद् की तरफ से मंगल सिंह की याचिका में काउंटर आया
जिसमे उन्होंने सभी की नौकरी बचाने का पूरा प्रयास किया है और दो
महत्वपूर्ण बिंदु जिसमे 11/10/2011 और 15/05/2013 के टेट के आदेश को चुनौती
नहीं दी गयी थी । अब परिषद् के इस काउंटर पर और ncte की तड़फ से दाखिल
दोनों काउंटर और हमारी तरफ से दाखिल re जोइंडर पर कल निर्णायक बहस होगी और
uncounted शिक्षकों के भविष्य पर फैसला होगा ।