◾ इलाहबाद उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने ऐसे सभी अध्यापकों का
टी॰ई॰टी॰ वैलिड माना था जिन्होंने अपने प्रशिक्षण के अन्तिम वर्ष में
टी॰ई॰टी॰ उत्तीर्ण किया हो।
◾ याचिकाकर्ताओं ने सिंगल बेंच के इस आदेश को अपील दाख़िल कर
डबल बेंच में चुनौती दी.. इस अपील पर जस्टिस दिलीप गुप्ता जी की पीठ सुनवाई
कर रही थी तथा गुप्ता जी के रिटायरमेंट में मात्र 2 दिन शेष थे। याचि के
अधिवक्ता अशोक खरे थे।
◾ इसी बीच उपरोक्त अपील पर आश्चर्यजनक रूप से फ़ैसला देते हुए
डबल बेंच ने कहा कि केवल उन्ही अध्यापक अध्यापकों के टी॰ई॰टी॰ प्रमाणपत्र
वैध माने जाएँगे जिनका बी॰एड/BTC प्रशिक्षण के अन्तिम वर्ष का परिणाम टीईटी
के परिणाम से पहले जारी हो गया हो।
◾ उपरोक्त आदेश को 29 हज़ार भर्ती में चयनित बी॰एड अभ्यर्थी
मंगल सिंह व अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में SLP दाख़िल कर चुनौती दी जिसपर
सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम राहत देते हुए हाईकोर्ट के निर्णय पर स्टे कर
दिया।
◾ इसके बाद बी॰टी॰सी॰ तथा अन्य संगठनों द्वारा कई और SLP
दाख़िल हुईं तथा उन सभी पर भी सेम ऑर्डर और इशू नोटिस हुआ और सभी एस॰एल॰पी॰
मंगल सिंह के साथ कनेक्ट कर दी गयीं।
◾ इसके बाद एन॰सी॰टी॰ई॰ द्वारा काउंटर दाख़िल किया गया जिसमें
NCTE ने कहा कि TET का प्रमाणपत्र उन्ही का वैलिड है जिनके प्रशिक्षण का
परिणाम TET के परिणाम से पहले आ गया हो..... लेकिन NCTE के इस काउण्टर से
फ़िलहाल विचलित होने की आवश्यकता नही है क्यूँकि
👉 *NCTE ने किसी ऐक्ट या रूल में कहीं भी Persuing शब्द की व्याख्या नही की है।*
👉 *Persunig शब्द की व्याख्या के लिए ना तो आज तक
काउन्सिल की कोई मीटिंग हुई और ना ही अब काउंटर दाख़िल करने से पूर्व कोई
कमेटी बनी।*
👉 *किसी कोर्स में दाख़िला लेकर पढ़ाई शुरू कर देने का
अर्थ है है कि आप उक्त कोर्स में perusing है। इसे लेकर कई सुप्रीम कोर्ट
और हाईकोर्ट के आदेश भी हैं।*
👉 *2010 से लेकर आज तक NCTE ने कई बार विस्तृत गाइड्लायन
जारी कीं लेकिन कभी भी Persunig शब्द की व्याख्या अलग से नही की गयी। इसके
अतिरिक्त अब तक दर्जनो RTI के जबाब में भी NCTE द्वारा प्रशिक्षण के दौरान
उत्तीर्ण किए गए टी॰ई॰टी॰ को वैध माना है।*
◾ क्यूँकि Persuing शब्द को लेकर कभी भी अलग से कोई
स्पष्टीकरण NCTE द्वारा नही दिया गया इसलिए यह काउण्टर आपके पक्ष को कमज़ोर
नही कर पायेगा।
◾ बी॰टी॰सी॰ और बी॰एड संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से वरिष्ठतम
अधिवक्ताओ का पैनल एंगेज किया गया है इसलिए विपरीत निर्णय आने की
सम्भावनाएँ न्यूनतम हैं।
◾ अभी इस मुक़दमे में प्रथम बार विस्तृत बहस होने की सम्भावना
है, यह मैटर अभी लम्बा चलेगा इसलिए सभी अध्यापक मानसिक रूप से मज़बूत होकर
आगे के लिए तैयार रहें।
◾ *12460 भर्ती में चयन प्राप्त करने वाले अधिकतम प्रशिक्षु
ऐसे हैं जिनका BTC के द्वितीय सेमेस्टर का परिणाम TET/ CTET में फ़ॉर्म
भरने से पूर्व जारी हो चुका था। अतः आप सभी TET/ CTET देते समय बी॰टी॰सी॰
प्रशिक्षण के अंतिम वर्ष में थे।*
◾ *यद्यपि प्रथम अथवा द्वितीय सेमेस्टर में TET उत्तीर्ण करने
वाले भी पूर्णतया सुरक्षित रहेंगे.... किन्तु विपरीत परिस्थितियों में यदि
किसी सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट का रूख उनके विपरीत दिखायी देता है तब ऐसे
में हम तृतीय और चतुर्थ सेमेस्टर में TET/CTET उत्तीर्ण अध्यापकों का पक्ष
सुप्रीम कोर्ट में मज़बूत तरीक़े से रखेंगे।*