गोरखपुर : दूसरे के नाम पर नौकरी करते पकड़े गए फर्जी
शिक्षकों का असली नाम व पता जानने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग अब बैंक का
सहयोग लेने जा रहा है।
जिन बैंकों में इनके खाते हैं, वहां पत्र लिखकर फर्जीवाड़े की जानकारी दी जाएगी साथ ही यह भी पूछा जाएगा कि खाता खुलते समय उनका गारंटर कौन था। उसकी सहायता से फर्जी शिक्षकों की असली पहचान जानने की कोशिश होगी।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : दूसरे के नाम पर नौकरी करते पकड़े गए फर्जी शिक्षकों का असली नाम व पता जानने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग अब बैंक का सहयोग लेने जा रहा है।
जिन बैंकों में इनके खाते हैं, वहां पत्र लिखकर फर्जीवाड़े की जानकारी दी जाएगी साथ ही यह भी पूछा जाएगा कि खाता खुलते समय उनका गारंटर कौन था। उसकी सहायता से फर्जी शिक्षकों की असली पहचान जानने की कोशिश होगी।शिकायत होते ही फरार हो जाते हैं फर्जी शिक्षक1दूसरे के नाम पर वर्षो नौकरी करते हैं और शिकायत हुई तो नौकरी छोड़कर फरार हो जाते हैं। विभाग भी कार्यवाही पूरी करने के बाद उन्हें बर्खास्त कर देता है लेकिन फर्जीवाड़ा करने वालों की पहचान उजागर नहीं हो पाती। पहचान उजागर न होने से उनसे वेतन की वसूली भी नहीं हो पाती और विभाग को लाखों रुपया राजस्व की हानि उठानी पड़ती है।शिक्षकों का असली पता मिलने की उम्मीद
फर्जी शिक्षकों के बैंक खाते के जरिए अब उनका असली पता जानने की उम्मीद में विभाग है। एक पत्र उन बैंक प्रबंधकों को लिखा जा रहा है, जहां इन शिक्षकों का वेतन खाता है। यह पता करने की कोशिश की जाएगी कि खाता खोलते समय गारंटर कौन बना था। गारंटर का पता चलते ही उससे पूछताछ की जाएगी और इस मामले में पुलिस की मदद भी ली जाएगी। गारंटर की सूचना के आधार पर विभाग को कामयाबी मिलने की उम्मीद है। इन शिक्षकों के बैंक लोन के बारे में भी जानकारी जुटाई जाएगी।एक शिक्षक की उजागर हुई पहचान
अब तक 11 शिक्षक दूसरे के नाम व पैन कार्ड पर नौकरी करते पकड़े गए हैं। एक फर्जी शिक्षक का गलत नाम पढ़कर भी कुछ दिन पहले कुछ लोग विभाग आए थे और उन्होंने उसकी असली पहचान बताई। वे शिक्षक की फोटो देखकर पहचान पुष्ट करने का दावा जरूर कर रहे थे लेकिन फर्जी शिक्षक की फोटो भी विभाग के पास उपलब्ध नहीं थी।पुलिस से भी लेंगे मदद
बैंक के साथ ही पुलिस से भी फर्जी शिक्षकों की असली पहचान जानने की कोशिश की जाएगी। संबंधित जनपदों के पुलिस प्रमुखों को पत्र भेजकर उनका पता लगाने की कोशिश की जा रही है।फर्जी शिक्षकों की असली पहचान जानने के लिए बैंकों को भी लिखा जा रहा है। इस पत्र से बैंकों को उनके फर्जीवाड़े के बारे में पता चल सकेगा और उनके बारे में कुछ बातें भी पता चल सकती हैं।भूपेंद्र नारायण सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी