यदि आप या आपके पाल्य को हाईस्कूल व इंटरमीडिएट का मूल अंक या प्रमाणपत्र,
उसकी द्वितीय प्रतिलिपि या फिर त्रुटिपूर्ण परीक्षा परिणाम को दुरुस्त
कराना है तो इसके लिए मुख्यालय, उसके क्षेत्रीय कार्यालय जाने और किसी से
सिफारिश करने की जरूरत नहीं है।
यह कार्य आप घर बैठे या फिर पड़ोस के साइबर
कैफे के जरिये करा सकते हैं। अब जनहित गारंटी अधिनियम के तहत के अफसर तय
समय में कार्य पूरा करके देंगे। सभी क्षेत्रीय अपर सचिवों को हर दिन इसकी
रिपोर्ट बोर्ड सचिव को भेजनी होगी। 1माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी से प्रति
वर्ष लाखों की तादाद में परीक्षार्थी हाईस्कूल व इंटर की परीक्षाओं में सफल
होते हैं। पढ़ाई से लेकर नौकरी मिलने तक छात्र-छात्रओं का बोर्ड से सीधा
सरोकार रहता है। 1अंकपत्र, प्रमाणपत्र बनवाने जैसे कार्यो के लिए
अभ्यर्थियों को अब तक पैसा और समय दोनों खर्च करना पड़ रहा था। इसके बाद भी
उन्हें अंक या प्रमाणपत्र कब मिलेगा इसकी कोई गारंटी नहीं थी। प्रदेश
सरकार के निर्देश पर ने इस वर्ष से जनहित गारंटी अधिनियम 2011 लागू किया
है। जिसके तहत दी जाने वाली दस सुविधाओं को तय समय में देने के कड़े
निर्देश हैं।1 शासन लगातार इसकी मॉनीटरिंग भी कर रहा है। कार्य में और तेजी
आए इसलिए सचिव नीना श्रीवास्तव ने बोर्ड के पांचों अपर सचिवों को निर्देश
दिया दिया है कि वे हर दिन शाम को जनहित गारंटी सुविधाओं की प्रगति रिपोर्ट
दें। 1अधिनियम में ये 10 सुविधाएं 11. मूल प्रमाणपत्र जारी करना 2.
प्रमाणपत्र की द्वितीय प्रतिलिपि देना 3. मूल अंक पत्र जारी करना 4. अंक
पत्र की द्वितीय प्रतिलिपि 5. संशोधित प्रमाणपत्र 6. संशोधित अंकपत्र 7.
निरस्त परीक्षाफल का निराकरण 8. रोके गए परीक्षाफल का निस्तारण 9. अपूर्ण
अथवा त्रुटिपूर्ण परीक्षाफल का निस्तारण 10. अंकपत्र व प्रमाणपत्रंे का
सत्यापन करना।
हर कार्य की समय सीमा तय 1 ने इन सभी कार्यो को पूरा करने के लिए 15 से 45
दिन का अलग अलग समय तय किया है। यदि तय समय में कार्य पूरा नहीं होता है तो
प्रथम व द्वितीय अधिकारी के यहां तय अवधि बाद अपील भी कर सकते हैं। 1ऐसे
करें आवेदन 1इन सुविधाओं का लाभ लेने के लिए आपको की वेबसाइट पर जाना होगा।
मोबाइल नंबर या फिर वोटर आइडी के लिए पहले अपना पंजीकरण कराएं। इसके बाद
अभ्यर्थी को ओटीपी मिलेगी और उसके सत्यापन के बाद तय सुविधा का लाभ ले सकते
हैं।
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