इलाहाबाद : प्रतियोगी की जगह प्रशिक्षण परीक्षा का पेपर लीक होने से शिक्षा
विभाग में खलबली मची है। लंबे समय से चल रही इन परीक्षाओं में पहली बार
ऐसी नौबत आइ तो उसका हल खोजा जा रहा है। इसके लिए अब हर सेमेस्टर का
परीक्षा के दो प्रश्नपत्र तैयार कराने की योजना बन रही है, ताकि आगे ऐसे
हालात बनने पर तत्काल परीक्षा कराई जा सके।
बीटीसी वर्ष 2015 चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा के सभी आठ प्रश्नपत्र
इम्तिहान शुरू होने से पहले ही शिक्षा माफियाओं तक पहुंच गए। यह गड़बड़ी
कहीं दूर नहीं बल्कि परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के सबसे करीबी और
नकल के लिए कुख्यात कौशांबी जिले में हुई। प्रदेश के बाकी जिलों में पहले
दिन की परीक्षा शांतिपूर्वक हुई। परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने पेपर लीक
होने की पुष्टि होते ही सभी जिलों की परीक्षा निरस्त कर दी है। शासन ने भी
सख्ती दिखाते हुए एफआइआर दर्ज कराई है और जरूरत पड़ने पर एसआइटी जांच कराने
का एलान किया है। पेपर लीक में परीक्षा नियामक कार्यालय ही घेरे में है।
अब यह इम्तिहान नई तारीख में दोबारा कराने की मांग जोर पकड़ रही है। इसमें
सबसे बड़ी परेशानी यही है कि परीक्षा नियामक कार्यालय पहले इम्तिहान के सभी
आठ पेपर तैयार कराए और फिर उसे जिलों में भेजे। कहा जा रहा है कि इस बार
बीटीसी तृतीय सेमेस्टर के प्रश्नपत्र में बड़ी संख्या में प्रशिक्षुओं के
फेल होने और चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा डायट व निजी कालेजों की जगह जीआइसी
व जीजीआइसी और अशासकीय कालेजों में होने से परीक्षा हर हाल में उत्तीर्ण
करने के लिए पेपर लीक होने का अंदेशा है, क्योंकि ये परीक्षा उत्तीर्ण किए
बिना शिक्षक भर्ती में शामिल हो पाना संभव नहीं था।
परीक्षा नियामक सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने कहा है कि पेपर लीक होने से
दंग हूं, क्योंकि प्रशिक्षण परीक्षा में भी माफिया सक्रिय होंगे इसकी किसी
को उम्मीद नहीं थी। इसलिए अब आगे से बीटीसी या फिर डीएलएड में दो सेट में
प्रश्नपत्र तैयार कराए जाने की तैयारी चल रही है, ताकि आगे ऐसे हालात बनने
पर परीक्षा प्रभावित न होने पाए। जल्द ही इस पर अंतिम निर्णय होगा।
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