बीटीसी 2015 के चौथे सेमेस्टर का रिजल्ट शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 से
पहले घोषित किया जाएगा। इस संबंध में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं
प्रशिक्षण परिषद के निदेशक संजय सिन्हा ने आदेश जारी कर दिया है। उन्होंने
कहा कि अपर मुख्य सचिव डा. प्रभात कुमार के निर्देशों के मुताबिक बीटीसी के
रिजल्ट को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
अक्टूबर के पहले हफ्ते में बीटीसी 2013, बीटीसी 2014 के अवशेष, मृतक आश्रित व अनुत्तीर्ण और बीटीसी 2015 के चौथे सेमेस्टर की परीक्षा पेपर लीक होने के चलते रद्द कर दी गई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के हस्तक्षेप के बाद इस परीक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखते हुए 1 से 3 नवम्बर के बीच करवाया गया था।
परीक्षा नियामक प्राधिकारी को इस संबंध में निर्देश दिये गये हैं कि इस परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 30 नवम्बर तक करवा लिया जाए। इसका परीक्षाफल टीईटी 2018 के रिजल्ट से पहले घोषित किया जाना है। अभी तक टीईटी का रिजल्ट 4 दिसम्बर को आने की संभावना है। बीटीसी 2015 का रिजल्ट समय से न आने पर 72 हजार से अधिक बीटीसी प्रशिक्षुओं का भविष्य अधर में पड़ सकता है। इसकी परीक्षा और रिजल्ट समय पर न निकलने से बीटीसी प्रशिक्षु दिसंबर में प्रस्तावित 68,500 सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा से बाहर हो सकते थे। लेकिन मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद इसकी परीक्षा टीईटी से पहले करवाई गई। अक्टूबर के पहले हफ्ते में इसकी परीक्षा से पहले ही चौथे सेमेस्टर के सातों विषयों के पेपर कौशाम्बी में व्हाट्सएप पर वायरल हो गये थे। इसकी जांच एसआईटी कर रही है।
अक्टूबर के पहले हफ्ते में बीटीसी 2013, बीटीसी 2014 के अवशेष, मृतक आश्रित व अनुत्तीर्ण और बीटीसी 2015 के चौथे सेमेस्टर की परीक्षा पेपर लीक होने के चलते रद्द कर दी गई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के हस्तक्षेप के बाद इस परीक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखते हुए 1 से 3 नवम्बर के बीच करवाया गया था।
परीक्षा नियामक प्राधिकारी को इस संबंध में निर्देश दिये गये हैं कि इस परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 30 नवम्बर तक करवा लिया जाए। इसका परीक्षाफल टीईटी 2018 के रिजल्ट से पहले घोषित किया जाना है। अभी तक टीईटी का रिजल्ट 4 दिसम्बर को आने की संभावना है। बीटीसी 2015 का रिजल्ट समय से न आने पर 72 हजार से अधिक बीटीसी प्रशिक्षुओं का भविष्य अधर में पड़ सकता है। इसकी परीक्षा और रिजल्ट समय पर न निकलने से बीटीसी प्रशिक्षु दिसंबर में प्रस्तावित 68,500 सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा से बाहर हो सकते थे। लेकिन मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद इसकी परीक्षा टीईटी से पहले करवाई गई। अक्टूबर के पहले हफ्ते में इसकी परीक्षा से पहले ही चौथे सेमेस्टर के सातों विषयों के पेपर कौशाम्बी में व्हाट्सएप पर वायरल हो गये थे। इसकी जांच एसआईटी कर रही है।