फर्जी शपथ पत्र देकर उत्तर प्रदेश पुलिस की नौकरी पाने वाले 60 लोगों में से आजमगढ़ के 14 लोगों की सेवा समाप्ति की रिपोर्ट जिला पुलिस
की कमेटी की तरफ से भर्ती बोर्ड भेज दी गई है.
वहीं अन्य के विषय में निर्णय लेने के लिए एसपी ने एसपी ग्रामीण के नेतृत्व में 7 सदस्यीय सलाहकार समिति का गठन किया है. इस मामले में संलिप्तता पाए जाने पर पुलिस आॅफिस के बड़े बाबू सहित दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है. बाकी अन्य के खिलाफ कार्रवाई के लिए जांच करवाई जा रही है.
एसपी रविशंकर छवि द्वारा गठित सलाहकार समिति के प्रमुख एसपी ग्रामीण नरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि भर्ती बोर्ड के निर्देश पर जिन युवकों का चयन सिपाही के लिए किया गया. उनका पूरा प्रमाण पत्र, उसी समय बोर्ड को भेज दिया गया था. भर्ती बोर्ड में चयनित इन युवकों के खिलाफ कईयों ने शिकायत की तो बोर्ड द्वारा सभी के प्रमाण पत्रों का सत्यापन करने के लिए संबंधित थानों को भेजकर रिपोर्ट मांगी गई. जांच में आरोप सही पाए जाने पर बोर्ड ने इन 60 सिपाहियों के चयन प्रक्रिया पर निर्णय के लिए एसपी आजमगढ़ के यहां पत्र भेजा. इसके बाद मामला उजागर हुआ.
सितंबर 2018 में पुलिस भर्ती बोर्ड से पत्र भेजे जाने के बाद इनके प्रमाण पत्रों का पुन: सत्यापन कराया गया. जिसमें पाया गया कि इन अभ्यर्थियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज है, लेकिन शपथपत्र में इन्होंने इसकी जानाकारी नहीं दी है. इस मामले में लापरवाही पाए जाने पर एसपी ने अपने आॅफिस के बड़े बाबू दुर्गेश और भर्ती के लिए नियुक्त किए गए लिपिक संतोष को निलंबित कर दिया है. शेष अन्य के खिलाफ कार्रवाई और भर्ती हुए दागियों के विषय में निर्णय लेने के लिए एसपी ग्रामीण के नेतृत्व में सात सदस्यीय सलाहकार समिति का गठन किया है.
समिति के अनुमोदन पर 14 लोगों की सेवा समाप्त करने की रिपोर्ट भेज दी गई है. वहीं बाकी अन्य के खिलाफ कार्रवाई चल रही है. एसपी ग्रामीण नरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि जांच जारी है. जल्द ही बैठककर बाकी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्णय लिया जाएगा.
वहीं अन्य के विषय में निर्णय लेने के लिए एसपी ने एसपी ग्रामीण के नेतृत्व में 7 सदस्यीय सलाहकार समिति का गठन किया है. इस मामले में संलिप्तता पाए जाने पर पुलिस आॅफिस के बड़े बाबू सहित दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है. बाकी अन्य के खिलाफ कार्रवाई के लिए जांच करवाई जा रही है.
एसपी रविशंकर छवि द्वारा गठित सलाहकार समिति के प्रमुख एसपी ग्रामीण नरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि भर्ती बोर्ड के निर्देश पर जिन युवकों का चयन सिपाही के लिए किया गया. उनका पूरा प्रमाण पत्र, उसी समय बोर्ड को भेज दिया गया था. भर्ती बोर्ड में चयनित इन युवकों के खिलाफ कईयों ने शिकायत की तो बोर्ड द्वारा सभी के प्रमाण पत्रों का सत्यापन करने के लिए संबंधित थानों को भेजकर रिपोर्ट मांगी गई. जांच में आरोप सही पाए जाने पर बोर्ड ने इन 60 सिपाहियों के चयन प्रक्रिया पर निर्णय के लिए एसपी आजमगढ़ के यहां पत्र भेजा. इसके बाद मामला उजागर हुआ.
सितंबर 2018 में पुलिस भर्ती बोर्ड से पत्र भेजे जाने के बाद इनके प्रमाण पत्रों का पुन: सत्यापन कराया गया. जिसमें पाया गया कि इन अभ्यर्थियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज है, लेकिन शपथपत्र में इन्होंने इसकी जानाकारी नहीं दी है. इस मामले में लापरवाही पाए जाने पर एसपी ने अपने आॅफिस के बड़े बाबू दुर्गेश और भर्ती के लिए नियुक्त किए गए लिपिक संतोष को निलंबित कर दिया है. शेष अन्य के खिलाफ कार्रवाई और भर्ती हुए दागियों के विषय में निर्णय लेने के लिए एसपी ग्रामीण के नेतृत्व में सात सदस्यीय सलाहकार समिति का गठन किया है.
समिति के अनुमोदन पर 14 लोगों की सेवा समाप्त करने की रिपोर्ट भेज दी गई है. वहीं बाकी अन्य के खिलाफ कार्रवाई चल रही है. एसपी ग्रामीण नरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि जांच जारी है. जल्द ही बैठककर बाकी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्णय लिया जाएगा.