केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने शिक्षकों की उम्र सीमा में छूट दी है। अब स्कूल किसी शिक्षक को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद भी रख सकता है।
सीबीएसई ने नयी संबद्धता के तहत स्कूलों को इसकी छूट दी है।
अब स्कूल ऐसे शिक्षकों को उनकी सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा होने के बाद भी रख पाएंगे। लेकिन इसमें शिक्षक का अनुभव होना जरूरी है। सीबीएसई की मानें तो जो शिक्षक सेवानिवृत्ति के बाद भी पढ़ाने की इच्छा रखते हैं और स्कूल उन्हें रखना चाहता है तो ऐसे शिक्षकों को सेवानिवृत्ति से मुक्त रखा जायेगा। ये शिक्षक जब तक चाहें स्कूल में शिक्षक बने रहेंगे।
प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी को करेगा पूरा
सीबीएसई की मानें तो इससे पुराने और प्रशिक्षित शिक्षकों के अनुभव का लाभ छात्र उठा सकेंगे। बोर्ड के अनुसार अभी भी प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी है। ऐसे में शिक्षकों के रिटायर होने से प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी होती जा रही है। इसको देखते हुए इसे लागू किया गया है।
सीटीईटी में नहीं सफल हो पा रहे अभ्यर्थी
सीबीएसई की मानें तो बोर्ड ने अब तक पांच बार सीटीईटी का आयोजन किया है। लेकिन सीटीईटी में सफलता का प्रतिशत काफी कम है। वर्तमान में शिक्षकों की गुणवत्ता कम है। 10 से 15 फीसदी ही सीटीईटी में हर साल उत्तीर्ण हो पाते हैं। ऐसे में स्कूलों में प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी न रहे, इसलिए बोर्ड ने स्कूलों को यह छूट दी है। सीबीएसई पाटलिपुत्रा सहोदया कॉम्प्लेक्स के सदस्य जीजे गॉलस्टॉन ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षकों की कमी हो गयी है। ऐसे में यह बेहतर प्रयोग होगा।
सीबीएसई के सिटी कोआर्डिनेटर राजीव रंजन ने बताया कि स्कूलों को अब शिक्षकों की सेवानिवृत्ति के बाद भी उन्हें रखने की छूट होगी। स्कूल अगर किसी शिक्षक को सेवानिवृत्ति के बाद भी रखना चाहता है तो वह उन्हें रख सकता है। नये एफिलिएशन में इसे लागू किया गया है।
सीबीएसई ने नयी संबद्धता के तहत स्कूलों को इसकी छूट दी है।
अब स्कूल ऐसे शिक्षकों को उनकी सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा होने के बाद भी रख पाएंगे। लेकिन इसमें शिक्षक का अनुभव होना जरूरी है। सीबीएसई की मानें तो जो शिक्षक सेवानिवृत्ति के बाद भी पढ़ाने की इच्छा रखते हैं और स्कूल उन्हें रखना चाहता है तो ऐसे शिक्षकों को सेवानिवृत्ति से मुक्त रखा जायेगा। ये शिक्षक जब तक चाहें स्कूल में शिक्षक बने रहेंगे।
प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी को करेगा पूरा
सीबीएसई की मानें तो इससे पुराने और प्रशिक्षित शिक्षकों के अनुभव का लाभ छात्र उठा सकेंगे। बोर्ड के अनुसार अभी भी प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी है। ऐसे में शिक्षकों के रिटायर होने से प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी होती जा रही है। इसको देखते हुए इसे लागू किया गया है।
सीटीईटी में नहीं सफल हो पा रहे अभ्यर्थी
सीबीएसई की मानें तो बोर्ड ने अब तक पांच बार सीटीईटी का आयोजन किया है। लेकिन सीटीईटी में सफलता का प्रतिशत काफी कम है। वर्तमान में शिक्षकों की गुणवत्ता कम है। 10 से 15 फीसदी ही सीटीईटी में हर साल उत्तीर्ण हो पाते हैं। ऐसे में स्कूलों में प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी न रहे, इसलिए बोर्ड ने स्कूलों को यह छूट दी है। सीबीएसई पाटलिपुत्रा सहोदया कॉम्प्लेक्स के सदस्य जीजे गॉलस्टॉन ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षकों की कमी हो गयी है। ऐसे में यह बेहतर प्रयोग होगा।
सीबीएसई के सिटी कोआर्डिनेटर राजीव रंजन ने बताया कि स्कूलों को अब शिक्षकों की सेवानिवृत्ति के बाद भी उन्हें रखने की छूट होगी। स्कूल अगर किसी शिक्षक को सेवानिवृत्ति के बाद भी रखना चाहता है तो वह उन्हें रख सकता है। नये एफिलिएशन में इसे लागू किया गया है।
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