परिषदीय विद्यालयों के छात्रों को दिए जा रहे mdm की सूचना न देने पर
जिला बेसिक अधिकारी ने जिले के 200 शिक्षकों को सूचना न दिए जाने का कारण
बताओ नोटिस जारी किया है। दरअसल में बच्चों को दिए जाने वाले भोजन की सूचना
अब शिक्षक इंट्रैक्टिव वाइस रिस्पांस सिस्टम पर देना होती है।
अध्यापकों द्वारा समय पर सूचना न देने से विभाग ऑनलाइन सूचना अपडेट नहीं कर पा रहा था। इसके बाद बीएसए ने शिक्षकों को नोटिस जारी किया है और वेतन रोकने चेतावनी जारी की है। वहीं,इस लापरवाही पर बीएसए ने मीड डे मील के जिला समन्वयक का वेतन भी रोक दिया है।
मीड डे मील योजना के तहत शहर के परिषदीय, एडेड, राजकीय व अनुदानित मदरसों में पढ़ने वाले करीब दो लाख तीस हजार छात्र-छात्राओं को मीड डे मील का लाभ दिया जाता है। इसकी निगरानी आईवीआरएस के जरिए की जाती है। रोजाना कितने बच्चों ने मीड मील खाया है और कितने बच्चों ने मीड मील नहीं खाया। इससे आईवीआरएस पर अपडेट करना होता है। बीते कुछ दिनों से 200 शिक्षक ये जानकारी विभाग को नहीं भेज रहे थे। इसमें शिक्षकों के मोबाइल पर कॉल करने के बाद भी उन्होंने जानकारी विभाग को नहीं भेजी। इसके बाद बीएसए डॉ अमरकांत ने शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अधिकारियों के अनुसार करीब 20 दिनों से 200 शिक्षकों ने मीड डे मील की सूचनाएं विभाग को नहीं दी है।
अध्यापकों द्वारा समय पर सूचना न देने से विभाग ऑनलाइन सूचना अपडेट नहीं कर पा रहा था। इसके बाद बीएसए ने शिक्षकों को नोटिस जारी किया है और वेतन रोकने चेतावनी जारी की है। वहीं,इस लापरवाही पर बीएसए ने मीड डे मील के जिला समन्वयक का वेतन भी रोक दिया है।
मीड डे मील योजना के तहत शहर के परिषदीय, एडेड, राजकीय व अनुदानित मदरसों में पढ़ने वाले करीब दो लाख तीस हजार छात्र-छात्राओं को मीड डे मील का लाभ दिया जाता है। इसकी निगरानी आईवीआरएस के जरिए की जाती है। रोजाना कितने बच्चों ने मीड मील खाया है और कितने बच्चों ने मीड मील नहीं खाया। इससे आईवीआरएस पर अपडेट करना होता है। बीते कुछ दिनों से 200 शिक्षक ये जानकारी विभाग को नहीं भेज रहे थे। इसमें शिक्षकों के मोबाइल पर कॉल करने के बाद भी उन्होंने जानकारी विभाग को नहीं भेजी। इसके बाद बीएसए डॉ अमरकांत ने शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अधिकारियों के अनुसार करीब 20 दिनों से 200 शिक्षकों ने मीड डे मील की सूचनाएं विभाग को नहीं दी है।