इलाहाबाद. हाईकोर्ट ने उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग की
शिक्षक भर्ती काउंसिलिंग पर रोक लगाने के 17 अक्टूबर 2018 को जारी राज्य
सरकार के आदेश को रद्द कर दिया है और कहा है कि सरकार को बीच में भर्ती
प्रक्रिया में बदलाव करने का अधिकार नहीं है।
कोर्ट ने कहा है कि आयोग ने 1300 अध्यापकों का चयन कर लिया है और अब सरकार ने पारदर्शिता लाने के लिए सॉफ्टवेयर विकसित कर काउंसिलिंग करने का निर्णय लिया है। यह कानून के अनुरूप नही है। कोर्ट ने कहा है कि आयोग को जारी प्रक्रिया के अनुसार काउंसिलिंग करने का अधिकार है।सरकार उसमें बदलाव नही कर सकती।
कोर्ट ने यह भी कहा है कि यदि सरकार नये सॉफ्टवेयर से पारदर्शी प्रक्रिया अपनाना चाहती है तो उसे नियमों में संशोधन करना चाहिए और ऐसा संशोधन लागू होने की तिथि से ही लागू होगा। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने विनय कुमार सिंह व 8 अन्य की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि आयोग पद विज्ञापन के नियम के तहत काउंसिलिंग कर चयन प्रक्रिया पूरी करे।
याचिका में राज्य सरकार द्वारा सॉफ्टवेयर में बदलाव करने के लिए जारी काउंसिलिंग पर रोक लगाने की वैधता को चुनौती दी थी। याची का कहना था कि आयोग स्वायत्त संस्था है, अधिनियम के तहत विहित विधि से उसे चयन प्रक्रिया अपनाने का अधिकार है। चयन के बीच में सरकार को प्रक्रिया में हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है। कोर्ट याची के तर्कों में बल मानते हुए सरकार के आदेश को रद्द कर दिया है, अब चल रही प्रक्रिया से भर्ती की काउंसिलिंग पूरी की जायेगी।
कोर्ट ने कहा है कि आयोग ने 1300 अध्यापकों का चयन कर लिया है और अब सरकार ने पारदर्शिता लाने के लिए सॉफ्टवेयर विकसित कर काउंसिलिंग करने का निर्णय लिया है। यह कानून के अनुरूप नही है। कोर्ट ने कहा है कि आयोग को जारी प्रक्रिया के अनुसार काउंसिलिंग करने का अधिकार है।सरकार उसमें बदलाव नही कर सकती।
कोर्ट ने यह भी कहा है कि यदि सरकार नये सॉफ्टवेयर से पारदर्शी प्रक्रिया अपनाना चाहती है तो उसे नियमों में संशोधन करना चाहिए और ऐसा संशोधन लागू होने की तिथि से ही लागू होगा। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने विनय कुमार सिंह व 8 अन्य की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि आयोग पद विज्ञापन के नियम के तहत काउंसिलिंग कर चयन प्रक्रिया पूरी करे।
याचिका में राज्य सरकार द्वारा सॉफ्टवेयर में बदलाव करने के लिए जारी काउंसिलिंग पर रोक लगाने की वैधता को चुनौती दी थी। याची का कहना था कि आयोग स्वायत्त संस्था है, अधिनियम के तहत विहित विधि से उसे चयन प्रक्रिया अपनाने का अधिकार है। चयन के बीच में सरकार को प्रक्रिया में हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है। कोर्ट याची के तर्कों में बल मानते हुए सरकार के आदेश को रद्द कर दिया है, अब चल रही प्रक्रिया से भर्ती की काउंसिलिंग पूरी की जायेगी।
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