प्रयागराज : अशासकीय महाविद्यालयों में नौकरी पाने की आस में बैठे चयनित असिस्टेंट प्रोफेसरों की काउंसिलिंग से पहले मानदेय पर कार्यरत शिक्षकों की नियमित नियुक्ति होगी।
निदेशक उच्च शिक्षा को लखनऊ बुलाकर इस पर विचार विमर्श हुआ है। हालांकि निदेशक ने इसे स्पष्ट रूप से न कहकर विज्ञापन संख्या 46 से चयनितों की काउंसिलिंग भी कराने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। उधर, इलाहाबाद हाईकोर्ट से हुए आदेश के अनुपालन के इंतजार में बैठे चयनित ‘वेट एंड वॉच’ की स्थिति में हैं।
उप्र उच्च शिक्षा सेवा आयोग यानि यूपीएचईएससी से विज्ञापन संख्या 46 के तहत चयनित रसायन, भौतिक और जंतु विज्ञान विषय के करीब 300 असिस्टेंट प्रोफेसरों की काउंसिलिंग, ऑनलाइन माध्यम से होने के बहाने रुकी है। जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट भी 14 नवंबर को अपने फैसले में कह चुका है कि आसन व्यवस्था यानि वर्तमान व्यवस्था से ही काउंसिलिंग करवाई जाए, भर्ती के बीच में नियम बदलने को हाईकोर्ट ने कानून के विपरीत ठहराया था। लेकिन, उच्च शिक्षा निदेशालय इस पर शासन से हरी झंडी मिलने के इंतजार में है। दूसरी ओर शासन के निर्देश पर उच्च शिक्षा निदेशालय ने मानदेय पर कार्यरत 700 से अधिक शिक्षकों को नियमित के लिए अभिलेखों के परीक्षण की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है। पिछले दिनों निदेशक उच्च शिक्षा डा. प्रीति गौतम ने लखनऊ में हुई मीटिंग में इसकी जानकारी दी। कई प्रकरण में पेंच आने की वजह भी बताई। इस बीच जितने भी शिक्षकों के अभिलेखों का परीक्षण हो चुका है उन्हें नियमित करने की प्रक्रिया के बाद ही चयनितों की काउंसिलिंग पर निर्णय लिए जाने की मंशा है। निदेशक उच्च शिक्षा डा. प्रीति गौतम ने कहा कि शिक्षकों को नियुक्त करने जा रहे हैं। विज्ञापन 46 के जरिये चयनित असिस्टेंट प्रोफेसरों के संबंध में निदेशक का कहना था कि उनकी काउंसिलिंग भी कराई जाएगी। उधर याची विनय सिंह का कहना है कि हम लोग कुछ दिन और इंतजार करेंगे।
निदेशक उच्च शिक्षा को लखनऊ बुलाकर इस पर विचार विमर्श हुआ है। हालांकि निदेशक ने इसे स्पष्ट रूप से न कहकर विज्ञापन संख्या 46 से चयनितों की काउंसिलिंग भी कराने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। उधर, इलाहाबाद हाईकोर्ट से हुए आदेश के अनुपालन के इंतजार में बैठे चयनित ‘वेट एंड वॉच’ की स्थिति में हैं।
उप्र उच्च शिक्षा सेवा आयोग यानि यूपीएचईएससी से विज्ञापन संख्या 46 के तहत चयनित रसायन, भौतिक और जंतु विज्ञान विषय के करीब 300 असिस्टेंट प्रोफेसरों की काउंसिलिंग, ऑनलाइन माध्यम से होने के बहाने रुकी है। जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट भी 14 नवंबर को अपने फैसले में कह चुका है कि आसन व्यवस्था यानि वर्तमान व्यवस्था से ही काउंसिलिंग करवाई जाए, भर्ती के बीच में नियम बदलने को हाईकोर्ट ने कानून के विपरीत ठहराया था। लेकिन, उच्च शिक्षा निदेशालय इस पर शासन से हरी झंडी मिलने के इंतजार में है। दूसरी ओर शासन के निर्देश पर उच्च शिक्षा निदेशालय ने मानदेय पर कार्यरत 700 से अधिक शिक्षकों को नियमित के लिए अभिलेखों के परीक्षण की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है। पिछले दिनों निदेशक उच्च शिक्षा डा. प्रीति गौतम ने लखनऊ में हुई मीटिंग में इसकी जानकारी दी। कई प्रकरण में पेंच आने की वजह भी बताई। इस बीच जितने भी शिक्षकों के अभिलेखों का परीक्षण हो चुका है उन्हें नियमित करने की प्रक्रिया के बाद ही चयनितों की काउंसिलिंग पर निर्णय लिए जाने की मंशा है। निदेशक उच्च शिक्षा डा. प्रीति गौतम ने कहा कि शिक्षकों को नियुक्त करने जा रहे हैं। विज्ञापन 46 के जरिये चयनित असिस्टेंट प्रोफेसरों के संबंध में निदेशक का कहना था कि उनकी काउंसिलिंग भी कराई जाएगी। उधर याची विनय सिंह का कहना है कि हम लोग कुछ दिन और इंतजार करेंगे।