23 विश्वविद्यालयों के बीएड कोर्स को मान्यता मिली, यूपी, उत्तराखंड और बिहार के हजारों सेवारत शिक्षकों को लाभ

केंद्र सरकार ने 23 विश्वविद्यालयों एवं शिक्षण संस्थानों को बीएड, डीईएलएड आदि कोर्स के लिए पिछली तिथि से
मान्यता प्रदान कर दी है। इससे इन संस्थानों से 2018 से पहले डिग्री लेने वाले हजारों सेवारत शिक्षकों को राहत
मिल गई है। इन विश्वविद्यालयों ने बिना एनसीटीई की मान्यता के पूर्व में ये कोर्स चलाए थे लेकिन बाद में शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने से हजारों शिक्षकों के समक्ष संकट पैदा हो गया था। इसी कड़ी में उत्तराखंड के छह महीने के विशिष्ट बीटीसी कोर्स को भी मान्यता मिल गई है।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा जारी दो अलग-अलग अधिसूचनाओं में विश्वविद्यालयों एवं उनके कोर्स और
उसकी अवधि का जिक्र करते हुए उन्हें पिछली तिथि से मान्यता देने का ऐलान किया गया है। उत्तराखंड के राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद

(एससीईआरटी ) द्वारा 2001-2018 के बीच संचालित छह महीने के विशेष बीटीसी पाठ्यक्रम को भी मान्यता प्रदान की दी गई है। जो लोग इस पाठ्यक्रम को पूरा कर शिक्षक बने हैं, अब उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी।

जिन 11 राज्य विश्वविद्यालयों के कोर्स को मान्यता दी गई है, उनमें बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय आरजीएससी मिर्जापुर का बीएड कोर्स है। 2006-07 से 2010-11 के दौरान यहां से किया गया कोर्स अब मान्य होगा। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक, चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय भिवानी, पंजाब विश्वविद्यालय द्वारा संचालित शिक्षक कोर्स भी शामिल हैं।