69000 शिक्षक भर्ती: सामान्य वर्ग की सीटों पर हर वर्ग के मेधावी होंगे चयनित, भर्ती के आधे पदों पर ओबीसी, एससी करेंगे ओवरलैप, शिक्षामित्र भी होंगे

69000 शिक्षक भर्ती में नियुक्ति देने का आदेश हो चुका है। भर्ती परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों को चयनित करने में सबसे बड़ी जंग सामान्य वर्ग की सीटों पर काबिज होने की होगी। वजह, कुल पदों की आधी सीटों पर सामान्य वर्ग के अलावा ओबीसी, एससी और अन्य आरक्षित वर्ग के मेधावी जगह बनाएंगे। अन्य वर्ग के मेधावी जितनी अधिक संख्या में होंगे सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के चयन का अवसर घटता जाएगा। आरक्षित अभ्यर्थी सामान्य वर्ग की सीटों पर कब्जा करने के बाद अपने वर्ग में भी चयनित हो सकेंगे। हालांकि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को उनके वर्ग में चयनित करने के लिए मेरिट बनानी होगी, क्योंकि परीक्षा सफल होने वालों की तादाद काफी अधिक है।

परिषदीय स्कूलों की शिक्षक भर्ती में वैसे तो 34500 पद सामान्य वर्ग के हिस्से में आते हैं लेकिन, इन पदों में पहली दावेदारी विशेष आरक्षण के चयनितों की होगी। इसके बाद भारांक की बदौलत चयन में सबसे आगे रहने वाले शिक्षामित्र होंेगे। शेष पदों पर सभी अभ्यर्थी दावेदार बनेंगे। सामान्य वर्ग के चयनित अभ्यर्थी के गुणांक के बराबर अन्य वर्ग के जितने भी अभ्यर्थी होंगे वह इन्हीं सीटों पर चयनित हो जाएंगे। लिखित परीक्षा में सफल सामान्य अभ्यर्थी पहले ही पदों से अधिक 36614 हैं। यानी उनमें से बड़ी संख्या में अभ्यर्थी बाहर होंगे। यही प्रक्रिया ओवरलै¨पग है। परीक्षा संस्था की ओर से बुधवार को जारी अंकपत्र में अधिक अंक पाने वाले जिन अभ्यर्थियों के नाम सामने आए हैं, उनमें अधिकतर ओबीसी वर्ग के हैं। स्पष्ट है कि मेधावियों में अन्य वर्ग सामान्य की बड़ी संख्या में सीटें छीन लेगा। 68500 शिक्षक भर्ती में सामान्य व ओबीसी का कटऑफ अंक बराबर था, तब भी सामान्य से अधिक ओबीसी परीक्षा में सफल हुए थे। जब 41556 पदों के सापेक्ष अभ्यर्थियों का आवंटन हुआ तो बाहर होने वालों में अधिकांश सामान्य वर्ग के ही थे। हालांकि बाद में मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप पर गलती सुधारते हुए सबको नियुक्ति मिली।