परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए
आयोजित लिखित परीक्षा के प्रश्नों को लेकर विवाद की स्थिति बनी है। परीक्षा
नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने शनिवार को आपत्तियों का निस्तारण करते हुए
संशोधित अंतिम उत्तरमाला जारी कर दी।
लेकिन कुछ अभ्यर्थी इससे भी संतुष्ट नहीं हैं। बलिया के ललित मोहन सिंह के अनुसार बुकलेट सीरीज बी के प्रश्न संख्या 14 'निम्नलिखित में से कौन-सा एक सामाजिक प्रेरक है' का जवाब विषय विशेषज्ञों ने आत्म-गौरव माना है।
जबकि राज्य शिक्षा संस्थान की ओर से तैयार बीटीसी प्रथम सेमेस्टर बाल विकास एवं सीखने की प्रक्रिया में इसका जवाब प्रेम माना गया है। बी सीरीज के ही प्रश्न संख्या 74 में पूछा है 'भारत में गरीबी का आंकलन किस आधार पर किया जाता है।' इसका जवाब विषय विशेषज्ञों ने परिवार का उपभोग व्यय माना है। जबकि एनसीईआरटी की कक्षा 11 की किताब के अनुसार प्रति व्यक्ति व्यय सही जवाब होना चाहिए। इन दोनों प्रश्नों पर अभ्यर्थियों ने साक्ष्यों के साथ आपत्ति दर्ज कराई थी।
हालांकि विषय विशेषज्ञों की रिपोर्ट पर इन्हें खारिज कर दिया गया। संशोधित उत्तरमाला से असंतुष्ट अभ्यर्थी हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने हिन्दी साहित्य के तीन प्रश्नों को पाठ्यक्रम से बाहर का मानते हुए उन्हें हटा दिया है। परिणाम इसी सप्ताह बुधवार या गुरुवार तक आने की संभावना है। सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी का कहना है कि विषय विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर संशोधित उत्तरमाला जारी की गई है। अब किसी भी आपत्ति पर विचार करना संभव नहीं है।
लेकिन कुछ अभ्यर्थी इससे भी संतुष्ट नहीं हैं। बलिया के ललित मोहन सिंह के अनुसार बुकलेट सीरीज बी के प्रश्न संख्या 14 'निम्नलिखित में से कौन-सा एक सामाजिक प्रेरक है' का जवाब विषय विशेषज्ञों ने आत्म-गौरव माना है।
जबकि राज्य शिक्षा संस्थान की ओर से तैयार बीटीसी प्रथम सेमेस्टर बाल विकास एवं सीखने की प्रक्रिया में इसका जवाब प्रेम माना गया है। बी सीरीज के ही प्रश्न संख्या 74 में पूछा है 'भारत में गरीबी का आंकलन किस आधार पर किया जाता है।' इसका जवाब विषय विशेषज्ञों ने परिवार का उपभोग व्यय माना है। जबकि एनसीईआरटी की कक्षा 11 की किताब के अनुसार प्रति व्यक्ति व्यय सही जवाब होना चाहिए। इन दोनों प्रश्नों पर अभ्यर्थियों ने साक्ष्यों के साथ आपत्ति दर्ज कराई थी।
हालांकि विषय विशेषज्ञों की रिपोर्ट पर इन्हें खारिज कर दिया गया। संशोधित उत्तरमाला से असंतुष्ट अभ्यर्थी हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने हिन्दी साहित्य के तीन प्रश्नों को पाठ्यक्रम से बाहर का मानते हुए उन्हें हटा दिया है। परिणाम इसी सप्ताह बुधवार या गुरुवार तक आने की संभावना है। सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी का कहना है कि विषय विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर संशोधित उत्तरमाला जारी की गई है। अब किसी भी आपत्ति पर विचार करना संभव नहीं है।
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